सियासत में संग्राम, यात्रा पर विराम ! 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ के मुददे पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। दअरसल एक ओर जहां केदारनाथ में आई आपदा पर विपक्ष सत्तापक्ष को घेरे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा को राहुल गांधी के निर्देश पर रोक दिया गया गया है। वहीं भाजपा प्रवक्ता विनोद सुयाल के विवादित बयान ने राजनीतिक पारे को गरमा दिया है। इस बीच केदारनाथ यात्रा बंद होने के बावजूद भाजपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने केदारनाथ धाम के अपने परिजनों के साथ दर्शन किये और इसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी जिसके बाद राज्य में सियासत गरमा गई। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश के अंदर भयानक आपदा आई हुई है। केदारनाथ धाम में आम श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जा रहा है और भाजपा के नेता नियम कानून को ताक पर रखकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

देवभूमि उत्तराखंड में आफत की बारिश ने प्रदेश को काफी नुकसान पहुंचाया है। जगह-जगह बादल फटने से जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक अबतक इस आपदा में 13 लोगों की जान चली गई है। जबकि कुछ लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। केदारनाथ और टिहरी मे सबसे ज्यादा नुकसान की खबर है। इस बीच भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू आपरेशन लगातार प्रभावित हो रहा है। हजारों लोग रुद्रप्रयाग के अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुताबिक अबतक 7 हजार से ज्यादा यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि समय रहते कोई तैयारी ना होने से यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है

आपको बता दें कि केदारनाथ में अतिवृष्टि के बाद मार्ग जगह जगह से बाधित चल रहा है। केदारनाथ यात्रा बंद है इस बीच भाजपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने केदारनाथ धाम के अपने परिजनों के साथ दर्शन किये और इसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी जिसके बाद राज्य में सियासत गरमा गई। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश के अंदर भयानक आपदा आई हुई है। केदारनाथ धाम में आम श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया जा रहा है और भाजपा के नेता नियम कानून को ताक पर रखकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं केदारनाथ मार्ग अवरूद्ध होने के चलते कांग्रेस की केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा को भी स्थगित करना पड़ा है।

कुल मिलाकर उत्तराखंड में आई इस दैवीय आपदा ने राज्य को काफी नुकसान पहुंचा दिया है। चारधाम यात्रा के बाधित होने से एक और जहां यात्रा से जुड़े लोगों का व्यवसाय चौपट हो गया है तो वहीं दूसरी ओर जगह-जगह फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। सवाल ये है कि आखिर भारी बारिश की चेतावनी के बाद भी समय रहते सरकार ने चारधाम यात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई, आखिर कबतक सरकार जगह जगह फंसे यात्रियों का रेस्क्यू पूरा करेगी।

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