उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में अब राज्य से बाहर के लोगों के लिए जमीन खरीदना आसान नहीं होगा. राज्य सरकार ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर को छोड़ राज्य के 11 जिलों में जमीन खरीदने पर रोक लगा दी है. धामी कैबिनेट की बुधवार को हुई मीटिंग में भू-कानून के नए संशोधित ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है. इसे अब विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. प्रदेश सरकार का यह फैसला उन लोगों के लिए झटका है जो देवभूमि में जमीन खरीदने की चाह रखते हैं या इसकी प्लानिंग कर रहे थे. कैबिनेट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए 19 फरवरी को कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है. यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा. साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.दरअसल, उत्तराखंड में लचर भू क़ानून के चलते बीते सालों में पहाड़ से लेकर मैदान तक बाहरी राज्यों के लोगों ने अंधाधुंध जमीन खरीद फरोख्त जम कर हुई . कृषि और बागवानी, औद्योगिक प्रयोजन के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी गई, जिसके बाद में दुरुपयोग किया गया.अधिकांश पर बिल्डिंग बना दी गई.आपको बता दें कि उत्तराखंड में समय समय पर भू कानून में संशोधन किए गए है..इसके तहत तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में भू कानून में संशोधन करते हुए। जमीन खरीद की बाध्यता को समाप्त किया था सवाल ये है कि क्या धामी सरकार राज्य में सख्त भू कानून लागू बेहतर कानून लागू कर पाएगी,आखिर क्यों विपक्ष को सरकार की मंशा पर अभी भी भरोसा नहीं हो रहा है.
प्रदेश में सशक्त भू कानून को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है की प्रदेश की जनता से जो वादा उनके द्वारा किया गया था,उस वादे और जन भावनाओं के अनुरूप सशक्त भू कानून को लेकर सरकार अपना वादा पूरा करने जा रही है। विधानसभा सत्र में सशक्त भू कानून के विधेयक पर मोहर लग जाएगी।
धामी सरकार का सख्त भू कानून सदन में पेश किया गया जिसके चलते आज यानी कि बजट के चौथे दिन बजट के साथ-साथ भू कानून को लेकर के भी चर्चा होगी जिसमें विपक्ष ने पहले ही साफ कर दिया है की पूर्व में रहे मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के समय पर लाया भू कानून संशोधन के हिसाब से ही सरकार आगे की रणनीति तय करें साथ ही उस समय पर कृषि ,वन, चिकित्सा के नाम पर दी गई भूमि पर अब तक उसका कितना दुरुपयोग हुआ सार्वजनिक करें तभी आगे भू कानून की कड़ी नीति को प्रदेश में लागू किया जाए जिसको लेकर आज सदन में विपक्ष भी भू कानून के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुका है। दूसरी ओर मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने भी सरकार से मांग की है कि वह भू कानून का मसौदा आम जनता के सामने पेश करें ताकि पता चल सके की सरकार भू कानून को लेकर कितनी सख्त है। अन्यथा सरकार के खिलाफ प्रदेश में बड़ा जन आंदोलन देखने को मिलेगा।
आपको बता दे विधान सभा चुनाव में जाने से पहले ही धामी सरकार के जनता से प्रदेश में भू कानून लाने का वादा किया था चुनाव जीतने के बाद से ही सरकार अपने वादे और जनता की मांग पर सशख्त भू कानून प्रदेश में लाने जा रही है यू सी सी लागू होने के बाद भू कानून प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर माना जा रहा है अब देखना ये होगा धामी सरकार का ये भू कानून क्या प्रदेश की सम्प्रदा जल ,जंगल और जमीन को भू माफियाओ से बचाने में कारगार साबित होगा।