भू कानून का समाधान, फिर क्यों घमासान ?

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट,  उत्तराखँड की धामी सरकार जल्द ही सश्क्त भू कानून लागू करने जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसका ऐलान किया है..मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भू-कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है। अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाएंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रारूप कमेटी इस पर काम कर रही है। बता दें कि उत्तराखंड में सख्त भू कानून लागू किये जाने की मागं की जा रही है। इसके लिए मूल निवासभू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने 29 सितंबर को ऋषिकेश में विशाल स्वाभिमान महारैली निकालने का फैसला लिया है। वहीं समिति के संयोजक मोहित डिमरी का आरोप है कि जब भी भू-कानूनमूल निवास को लेकर आंदोलन होने वाला होता हैठीक उससे पहले सरकार इस पर बयान देकर आंदोलन को कमजोर करने की साजिश कर रही है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर राज्य के भू कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने पूर्ववर्ती तिवारी सरकार के भू कानून को लागू करने की मांग की है। इसलिए आज हम कह रहे हैं कि जब भू कानून का

समाधान तो फिर क्यों है घमासान 

देवभूमि उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से चली आ रही सश्कत भू कानून लागू करने की मांग अब धामी सरकार पूरी करने जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की जनता को आश्वस्त किया है कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाएंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रारूप कमेटी इस पर काम कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में निवेश करने वालों को बिल्कुल भी परेशान न होंने की सलाह दी है। साथ ही कहा कि उत्तराखंड में नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर दूसरे प्रदेशों के लोगों के 250 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन खरीदने पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद ऐसी जमीन सरकार में निहित कर ली जाएगी। वहीं सीएम धामी के इस ऐलान के बाद विपक्ष ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड में सख्त भू कानून लागू किये जाने की मागं की जा रही है। इसके लिए मूल निवासभू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने 29 सितंबर को ऋषिकेश में विशाल स्वाभिमान महारैली निकालने का फैसला लिया है। वहीं समिति के संयोजक मोहित डिमरी का आरोप है कि जब भी भू-कानूनमूल निवास को लेकर आंदोलन होने वाला होता हैठीक उससे पहले सरकार इस पर बयान देकर आंदोलन को कमजोर करने की साजिश कर रही है,

 

आपको बता दें कि उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से सश्क्त भू कानून और मूल निवास का मुद्दा गरमाता जा रहा है। सरकार की ओर से पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में भू कानून के लिए एक कमेटी भी गठित की गई थी…इस समिति ने सितंबर 2022 में धामी सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री इन सिफारिशों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। वहीं समिति की इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की भी मागं की जा रही है। इसके साथ ही उत्तराखंड में समय समय पर भू कानून को लेकर संसोधन किए गए है..इसके तहत तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में भू कानून में संशोधन करते हुए। जमीन खरीद की बाध्यता को समाप्त कर दिया जाता है। सत्तापक्ष का दावा है कि पहाड़ों में उद्योग लगाने के लिए इसमें संसोधन किया गया था। जबकि विपक्ष की मांग है कि सरकार श्वेत पत्र जारी कर जनता को बताए कि राज्य में कितने उद्योग स्थापित हुए..

 

कुल मिलाकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणा करते हुए सश्क्त भू कानून लागू करने का दावा किया है। साथ ही अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने का भी दावा किया है। देखना होगा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने वादे को कबतक पूरा करते हैं

 

 

 

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