उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में मानसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने 19 राज्यों में अगले चार दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश,पंजाब, हरियाणा,समेत अन्य राज्यों के लिए यह चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर राज्य सरकारें भी सतर्क हो गई है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं मानसून की दस्तक के साथ ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है। प्रदेश में एक ओर जहां पहाड़ों में लैंडस्लाइड की घटनाएँ बढ़ गई है तो वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा के बीच केदारनाथ धाम में पहाड़ों पर बर्फीला तूफान आने से लोगों की सांसें थम गईं. लोग सहम गए. गांधी सरोवर के ऊपर अचानक बर्फ की नदी बहती दिखी.बताया जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ भरभरा कर गिरा है। इस बीच हरिद्वार में तेज बारिश के बाद सूखी नदी के रपटे से बहकर गंगा में दर्जनों गाड़ियां बह गई। एसडीआरएफ की कई टीमें इन वाहनों की तलाश में जुटी हुई है। इसके अलावा बारिश के चलते जगह जगह भारी जलभराव और लोगों के घरों और दुकानों में पानी भरता हुआ नजर आया। वहीं राज्य में अब इस मुद्दे पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पहली बरसात में ही प्रदेश के शहरों में बाढ़ जैसे हालात बनने से राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों की पोल खुल गई है। इसके साथ ही कांग्रेस ने केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना पर भी सवाल खडे कर दिये हैं। सवाल ये है कि यदि पहली बारिश में ये स्थिति देखने को मिल रही है तो आगे क्या हाल प्रदेश के होंगे इसकी अंदाजा ही लगाया जा सकता है
उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने प्रदेश के छह जनपदों में भारी से बहुत भारी बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंहनगर में भारी बारिश की संभावना है। वहीं भारी बारिश के मददेनजर राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं मानसून की पहली बारिश के साथ ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है। पहाड़ों में जहां लैंडस्लाईडिंग की घटनाएँ बढ़ गई है। तो वहीं दूसरी ओर रोजाना एक के बाद एक बड़े हादसे सरकार की चिंता को बढ़ा रहे हैं। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि मानसून की पहली बारिश ने राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों की पोल खुल गई है।
वहीं एक ओर जहां राज्य में मानसून की तैयारियों पर सियासत गरमाई हुई है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम पूरा करने की टाइमलाइन जून 2024 से बढ़ाकर मार्च 2025 कर दी है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दून में प्रस्तावित स्मार्ट रोड, चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट, सीवर लाइन का कुछ कार्य शेष बचा है। वहीं विपक्ष ने मानसून की पहली बारिश में जगह जगह जलभराव और अन्य समस्याओं को लेकर सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना पर सवाल खड़े किए हैं..साथ ही सरकार के स्मार्ट सिटी के दावों को हवा हवाई बताया है।
कुल मिलाकर मॉनसून की पहली बारिश ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है। एक ओर जहां पहाड़ों में लैंडस्लाईडिंग की घटनाएं बढ़ गई है तो वहीं दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में बेहतर प्रबंधन ना होने से जगह जगह जलभराव के साथ ही आधी अधूरी रोड़ और अधूरे कार्यों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। ऐसे में विपक्ष की ओर से स्मार्ट सिटी के दावों पर सवाल उठाना लाजमी भी है सवाल ये है कि आखिर कब तक स्मार्ट सिटी का कार्यकाल बढ़ाया जाता रहेगा। आखिर जगह जगह जलभराव और आधे अधूरे कार्यों के बाद सरकार स्मार्ट सिटी के दावे कैसे कर रही है