निवेश पर सवाल, स्मार्ट सिटी पर बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, डबल इंजन की रफ्तार से उत्तराखंड के विकास का दावा कर रही धामी सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के तहत उत्तराखंड में आए 3 लाख 56 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में से 71 हजार करोड़ रुपये के एमओयू धरातल पर उतारने का दावा किया है। मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आए निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रतिभाग कर 11 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि समिट के बाद राज्य में व्यापार, विकास और विश्वास का वातावरण बना है। इस सेरेमनी के तहत 27 हजार करोड़ के प्रोजेक्टों की ग्राउंडिंग हो रही है। अब तक 71 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट जमीन पर उतारे जा चुके हैं। हमने यह उपलब्धि तीन माह में ही हासिल की है। हमने समिट के दौरान जो सपने देखे थे, वो धीरे-धीरे धरातल पर उतरने लगे हैं। हम उत्तराखंड को अग्रणी राज्यों में लाने के साथ मॉडल स्टेट बनाने को भी काम कर रहे हैं। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री राज्य को मॉडल स्टेट बनाने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस दावे को हवा हवाई बताया है…वही एक ओर जहां राज्य को मॉडल स्टेट बनाने का सपना दिखाया जा रहा है.. तो वहीं दूसरी ओर देहरादून को बड़ा झटका लगा है। दअरसल स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से अब कोई नया काम नहीं हो सकेगा। सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट के लिए देशभर में 18 शहरों का चयन होना था, इसमें देहरादून शामिल नहीं हो पाया। इससे स्मार्ट सिटी को दोहरा झटका लगा है। प्रोजेक्ट के विस्तार की संभावनाएं तो शून्य हो ही गई हैं, सिटीज 2.0 से कचरा निस्तारण के लिए मिलने वाले 119 करोड़ रुपये भी दून को नहीं मिलेंगे। अब स्मार्ट सिटी अपने पहले से चल रहे अधूरे कार्यों को ही पूरा करेगा। अब सरकार के सामने बड़ा सवाल होगा कि क्या राज्य की राजधानी आधी-अधूरी ही स्मार्ट रहेगी?

दिसंबर माह में राजधानी देहरादून में हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को अब धामी सरकार धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गई है। इसके तहत उत्तराखंड में आए 3 लाख 56 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्तावों में से 71 हजार करोड़ रुपये के एमओयू धरातल पर उतारने का सरकार का दावा है। मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आए निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रतिभाग कर 11 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि समिट के बाद राज्य में व्यापार, विकास और विश्वास का वातावरण बना है। इस सेरेमनी के तहत 27 हजार करोड़ के प्रोजेक्टों की ग्राउंडिंग हो रही है। अब तक 71 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट जमीन पर उतारे जा चुके हैं। हांलाकि विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार के दावे हवा हवाई है धरातल पर इसका कोई सरोकार नहीं

 वही एक ओर जहां सरकार राज्य में भारी निवेश से जरिए राज्य के विकास का दावा कर रही है तो वही दूसरी ओर सरकार के इस दावे को बड़ा झटका लगा है। दअरसल देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से अब कोई नया काम नहीं हो सकेगा। सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट के लिए देशभर में 18 शहरों का चयन होना था, इसमें देहरादून शामिल नहीं हो पाया। इससे स्मार्ट सिटी को दोहरा झटका लगा है। प्रोजेक्ट के विस्तार की संभावनाएं तो शून्य हो ही गई हैं, सिटीज 2.0 से कचरा निस्तारण के लिए मिलने वाले 119 करोड़ रुपये भी दून को नहीं मिलेंगे। अब स्मार्ट सिटी अपने पहले से चल रहे अधूरे कार्यों को ही पूरा करेगा। हांलाकि सत्ताधारी दल अभी भी दावा कर रहा है कि डबल इंजन की सरकार में राज्य को कोई नुकसान नहीं होगा

कुल मिलाकर एक तरफ जहां सरकार भारी निवेश के जरिए राज्य के विकास का दावा कर रही है तो दूसरी ओर स्मार्ट सिटिज 2.0 प्रोजेक्ट से देहरादून का बाहर होना देहरादून स्मार्ट सिटी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है…

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