शिक्षा का सवाल, मदरसों पर बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट

देवभूमि उत्तराखंड में मदरसों की जांच के मुद्दे पर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मदरसों की जांच के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उत्तराखंड पुलिस राज्य के सभी जिलों में मदरसों की गहनता से जांच करेगी. इसके तहत राज्य में संचालित सभी मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी मदरसे कानूनी ढांचे के भीतर कार्य करें। वहीं मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को एक माह के भीतर इस संबंध में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। वहीं विपक्ष ने सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सरकार से दोहरे मापदंड ना अपनाने की अपील की है। आपको बता दें कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के मदरसों के संचालित होने की शिकायतें आ रही हैं. कई मदरसों के संचालन को बाहर से फंडिंग की जा रही है। साथ ही इनमें दूसरे राज्यों के छात्र-छात्राएं भी अध्ययनरत हैं। इनमें अवैध गतिविधियों के संचालित होने की भी आशंका बनी हुई है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं एक ओर जहां मदरसों की जांच पर बवाल मचा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार के तमाम दावों के बीच उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के कम छात्र की संख्या वाले 1453 सरकारी स्कूलों को बंद करने की तैयारी की जा रही है। जिसको लेकर विपक्ष ने सत्तापक्ष की घेराबंदी तेज कर दी है। 

उत्तराखंड की धामी सरकार एक बार फिर मदरसों की जांच करने जा रही है। तमाम शिकायतों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। सीएम धामी ने पुलिस विभाग को एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री से निर्देश मिलने के बाद पुलिस राज्य के सभी जिलों में मदरसों की गहनता से जांच करेगी। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी मदरसे कानूनी ढांचे के भीतर कार्य करें। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खडे किये हैं.

आपको बता दें कि उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की संपत्ति भी बीते सालों में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। जिसपर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीते 21 वर्षों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति 2000 से बढ़कर 5100 हो गई है। राज्य के कई मदरसों के संचालन को बाहर से फंडिंग की जा रही है। साथ ही इनमें दूसरे राज्यों के छात्र-छात्राएं भी अध्ययनरत हैं। इसको देखते हुए जांच के निर्देश दिये गये हैं। वहीं एक ओर जहां मदरसों की जांच पर बवाल मचा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार के तमाम दावों के बीच उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के कम छात्र की संख्या वाले 1453 सरकारी स्कूलों को बंद करने की तैयारी की जा रही है। जिसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गया है।

कुल मिलाकर एक ओर जहां राज्य में मदरसों की जांच पर नया सियासी बवाल शुरू हो गया है। तो वहीं दूसरी ओर राज्य के 1453 सरकारी स्कूलों को बंद करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों के भविष्य का क्या होगा, सवाल ये भी है कि सरकार मदरसों की जांच में दोहरे मापदंड तो नहीं अपनाएगा…देखना होगा एक माह बाद उत्तराखंड पुलिस की ओर से क्या रिपोर्ट सौंपी सरकार को सौंपी जाती है

 

 

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