योजनाएं काम की, या सिर्फ नाम की !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की धामी सरकार ने रोजगार के मौर्चे पर सफलता के दावे के बाद अब राज्य की विकास दर में शानदार प्रदर्शन का दावा किया है। सरकार का कहना है कि उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानि की (जीएसडीपी) 20 महीने में 1.3 गुना बढ़ गई है। सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रेसकॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी है उन्होने कहा कि जीएसडीपी दो लाख 74 हजार करोड़ से बढ़ कर तीन लाख 46 हजार करोड़ तक पहुंच गई है। सरकार के सकारात्मक प्रयासो से पर्यटन, मैन्युफैक्चरिंग समेत अन्य सेक्टरों में रोजगार बढ़ा है। इसके साथ ही राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2.05 लाख से बढ़ कर 2.60 लाख हो गई है। इसमें 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर दो सालों में प्रति व्यक्ति आय 1.50 लाख से बढ़ कर 1.84 लाख ही बढ़ी है। बता दें कि सरकार के इस दावे से पहले पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे की रिपोर्ट आई थी जिसमें उत्तराखंड में युवा बेरोजगारी दर में 4.4 फीसदी की गिरावट का दावा किया गया था। वही एक ओर जहां सरकार रोजगार और विकास के दावे कर रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक और नीतिगत सुधारी के दौर से गुजर रही धामी सरकार ने 24 साल से विभिन्न विभागों में संचालित हो रही 368 ऐसी योजनाओं को छांटा है जो अब सिर्फ नाम की रह गई हैं। इन योजनाओं को काम की बनाने के लिए या तो वे योजनाएं एक-दूसरे में मर्ज होंगी या फिर इन पर हमेशा के लिए ताला लगाना होगा। सवाल ये है कि एक ओर तो रोजगार और तेजी से विकास के दावे किये जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर 368 ऐसी योजनाएँ है जो किसी काम की नहीं है

 

हिमालयी राज्य उत्तराखंड में विकास तेज गति से हो रहा है। राज्य का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर से भी बेहतर है ये दावा सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रेसकॉन्फ्रेंस कर किया है। मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सरकार के बेहतर फैसलों की बदौलत राज्य की विकास दर में तेजी आई है। उत्तराखंड की (जीएसडीपी) 20 महीने में 1.3 गुना बढ़ गई है। जीएसडीपी दो लाख 74 हजार करोड़ से बढ़ कर तीन लाख 46 हजार करोड़ तक पहुंच गई है। सरकार के सकारात्मक प्रयासो से पर्यटन, मैन्युफैक्चरिंग समेत अन्य सेक्टरों में रोजगार बढ़ा है। इसके साथ ही राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2.05 लाख से बढ़ कर 2.60 लाख हो गई है। इसमें 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं विपक्ष ने सरकार के इन दावों को हवा हवाई बताया है… कांग्रेस का कहना है कि आम जनता का बुरा हाल है.केंद्र सरकार ने राज्य में स्थापित 620 औद्योगिक इकाइयों को सब्सिडी देने से इंकार किया है। ऐसे में विकास दर में बढ़ोतरी के दावे हवा हवाई है

वहीं धामी सरकार के रोजगार और विकास दर मे बढ़ोतरी के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश की धामी सरकार ने 24 साल से विभिन्न विभागों में संचालित हो रही 368 ऐसी योजनाओं को छांटा है जो अब सिर्फ नाम की रह गई हैं। वहीं इन योजनाओं को काम की बनाने के लिए या तो ये योजनाएं एक-दूसरे में मर्ज होंगी या फिर इन पर हमेशा के लिए ताला लगाना होगा। नियोजन विभाग की पहल पर राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान को राज्य सरकार के 43 विभागों में संचालित हो रहीं 863 योजनाओं को छॉटने का काम दिया गया था। वहीं अब इस मामले में राज्य में सियासत गरमा गई है।

कुल मिलाकर धामी सरकार के राज में एक एक ओर जहां युवा बेरोजगारी दर में गिरावट आई है तो वहीं दूसरी ओर राज्य की विकास दर में बढ़ोतरी हुई है। निश्चित ही सरकार इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि बता रही है। हांलाकि विपक्ष इन आंकड़ों को हवा हवाई बता रहा है। सवाल ये है कि आखिर क्यों विपक्ष सरकार के इन दावों पर भरोसा नहीं कर रहा है। सवाल ये भी है कि आखिर जन कल्याण के लिए शुरू हुई 368 कौन सी योजनाएँ है जो किसी काम की नहीं है. सरकार को चाहिए कि वह इन योजनाओं की सूची को भी जारी करे

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