KNEWS DESK – मध्य प्रदेश के ग्वालियर में देश के पहले अल्ट्रा-मॉर्डन जियो साइंस म्यूजियम का उद्घाटन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मिलकर किया। यह म्यूजियम ग्वालियर के ऐतिहासिक महाराज बाड़ा पर स्थित है, और इसका निर्माण नेशनल साइंस म्यूजियम कैंपस और ग्वालियर नगर निगम के सहयोग से हुआ है। उद्घाटन समारोह में उप राष्ट्रपति धनखड़ ने म्यूजियम के एंट्री गेट पर फीता काटकर इस नई ऐतिहासिक और वैज्ञानिक सौगात का उद्घाटन किया।
म्यूजियम की अनूठी विशेषताएँ
जियो साइंस म्यूजियम में पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर मानव सभ्यता के विकास और ब्रह्माण्ड से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित की गई है। इस म्यूजियम की दो बड़ी गैलरियाँ हैं, जिनमें पृथ्वी और मानव सभ्यता से जुड़ी जानकारी दी गई है। पहली गैलरी में पृथ्वी के उत्पत्ति की प्रक्रिया, इसके विकास और उसके बनने के क्रम के बारे में विस्तार से बताया गया है। दूसरी गैलरी में मानव जाति के जन्म, सभ्यता के विकास, और धरती पर डायनासोर की उत्पत्ति और विलुप्ति की जानकारी दी जाती है।
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विज्ञान और इतिहास का संगम
म्यूजियम में डायनासोर के अंडे समेत कई दुर्लभ और ऐतिहासिक वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं। यह म्यूजियम न केवल बच्चों के लिए, बल्कि बड़ों के लिए भी वैज्ञानिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बेहद दिलचस्प है। यहाँ पर्यटकों को जियो साइंस से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान मिलेगा और यह एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र साबित होगा।
ग्वालियर के लिए एक ऐतिहासिक दिन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मौके पर उप राष्ट्रपति को जानकारी दी कि इस म्यूजियम की स्थापना से ग्वालियर को एक नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि यह म्यूजियम न केवल ग्वालियर के नागरिकों के लिए, बल्कि देश भर के पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना में ग्वालियर नगर निगम और नेशनल साइंस म्यूजियम के सहयोग की सराहना की।
देश के विज्ञान प्रेमियों के लिए एक तोहफा
यह म्यूजियम देश में विज्ञान और भूविज्ञान से संबंधित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने म्यूजियम का दौरा करते हुए यहां प्रदर्शित चित्रों, कलाकृतियों और जानकारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह म्यूजियम ग्वालियर और मध्य प्रदेश की धरोहर को एक नई दिशा देगा और देश में भूविज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन शोध केंद्र बनेगा।