CM मोहन यादव ने स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का किया शुभारंभ, प्रधानमंत्री आवासों का गृह प्रवेश और जन औषधि केंद्रों का किया उद्घाटन

KNEWS DESK-  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 50 जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया। इन केंद्रों का संचालन रेडक्रॉस के माध्यम से किया जाएगा और ये आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराएंगे।

सफाई मित्रों को प्रोत्साहन राशि

कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री और राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सिंगल क्लिक के माध्यम से सफाई मित्रों के खातों में 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर की। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सफाई में जितने स्टार रेटिंग होंगे, उतने हजार रुपये सफाई मित्रों को दिए जाएंगे। सात स्टार वाले निकायों को सात हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

भोपाल को स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 स्टार रेटिंग मिलने पर नगर निगम के 8,117 सफाई मित्रों को 5-5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस अवसर पर बताया कि प्रदेशभर में रहवासी संघ बनाने की आवश्यकता है, ताकि जनभागीदारी से समस्याओं का समाधान किया जा सके। उन्होंने इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जनभागीदारी से 200 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए गए थे।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गृह प्रवेश

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत देशभर के 4 लाख आवासों का गृह प्रवेश समारोह भी आयोजित किया, जिसमें मध्यप्रदेश के 51 हजार आवास शामिल थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 का शुभारंभ भी किया गया और पीएम स्वनिधि अंतर्गत पीआरएआईएसई अवार्ड वितरित किए गए।

इस कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, नगर निगम भोपाल की महापौर मालती राय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

जन औषधि केंद्रों के लाभ

जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी, जो ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50% से 90% तक कम कीमत पर मिलेंगी। ये केंद्र विशेष रूप से शुगर, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी बीमारियों के मरीजों के लिए फायदेमंद होंगे। इसके साथ ही, इन केंद्रों के संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, क्योंकि इनके संचालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारियों की जरूरत होगी। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश में स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, और इससे प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा।

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