लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने की महाकुंभ में कल्पवास की शुरुआत, स्वामी कैलाशानंद के साथ पहुंची संगम तट, शाही स्नान में हिस्सा लिया

KNEWS DESK – महाकुंभ 2025 का आयोजन पूरे धार्मिक और आध्यात्मिक उत्साह के साथ हो रहा है, और इस बार दुनिया भर से कई प्रमुख व्यक्ति इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने के लिए संगम की रेती पर पहुंचे हैं। उनमें से एक प्रमुख नाम है एप्पल की मालकिन लॉरेन पॉवेल जॉब्स का, जिन्होंने महाकुंभ में कल्पवास की शुरुआत की है।

महाकुंभ में लॉरेन का आगमन और नया नाम ‘कमला’

बता दें कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जो अरबपति कारोबारी स्टीव जॉब्स की पत्नी हैं, ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में महाकुंभ में कल्पवास की शुरुआत की। उन्हें उनके गुरु ने ‘कमला’ नाम दिया है, जो अब उनकी आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक बन गया है।

पौष पूर्णिमा के दिन लॉरेन ने संगम के पवित्र जल में पहली डुबकी लगाई और कल्पवास की शुरुआत की। महाकुंभ के इस महान अवसर पर लॉरेन को भगवा वस्त्रों में देखा गया, जो उनके आध्यात्मिक जीवन में एक नई शुरुआत को दर्शाता है।

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कैलाशानंद के शिविर में रहेगा ठिकाना

लॉरेन अब स्वामी कैलाशानंद के शिविर में रहकर सनातन परंपराओं और संस्कृति का पालन करेंगी। महाकुंभ के दौरान वह शिव तत्व को जानने और सनातन संस्कृति को समझने का प्रयास करेंगी। लॉरेन की यात्रा महाकुंभ के गहरे आध्यात्मिक अनुभवों और भारतीय संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी। महाकुंभ में लॉरेन पॉवेल का ठिकाना एक आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कॉटेज में होगा, जहां वह संतों और महात्माओं के साथ समय बिताएंगी। इस दौरान वह महायज्ञ में भी भाग लेंगी और इस धार्मिक अनुष्ठान की मुख्य यजमान बनेंगी।

महाकुंभ के पहले शाही स्नान में हिस्सा लिया

मकर संक्रांति के दिन लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने महाकुंभ के पहले शाही स्नान में हिस्सा लिया। स्वामी कैलाशानंद सरस्वती के साथ रत्न जड़ित शाही रथ पर सवार होकर, वह संगम तट पर पहुंची और कड़ी सुरक्षा के बीच पवित्र स्नान किया। इस दौरान दुनियाभर के मीडिया का ध्यान उन पर था, क्योंकि उनकी उपस्थिति इस अद्वितीय धार्मिक आयोजन में एक नई दिशा और महत्व जोड़ रही थी।

आध्यात्मिक यात्रा और भारतीय संस्कृति से परिचय

लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ के दौरान भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से रूबरू होंगी। यह उनके जीवन का एक अनमोल अवसर है, जो उन्हें आत्म-विश्लेषण, संतुलन और आंतरिक शांति प्राप्त करने का मार्ग दिखाएगा। वह स्वामी कैलाशानंद के मार्गदर्शन में अपने आध्यात्मिक जीवन की यात्रा को और भी गहरे स्तर तक ले जाने का प्रयास करेंगी।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद का आशीर्वाद

स्वामी कैलाशानंद गिरि ने इस यात्रा को लेकर कहा, “लॉरेन हमारी शिष्या हैं और हम उन्हें बेटी जैसा स्नेह देते हैं। महाकुंभ में वह अपने गुरु से मार्गदर्शन लेंगी और संतों-महात्माओं का सानिध्य प्राप्त करेंगी।”

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