कैबिनेट की मंजूरी ,UCC कितना ज़रूरी ! 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट– उत्तराखंड में पिछले तीन साल से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को लेकर तैयारी चल रही है जो निकाय चुनाव के बीच धरातल पर उतरने को तैयार है। कहीं न कहीं इससे उत्तराखंड की राजनीति गर्मा गई है। इसको लेकर तैयार मसौदा विधायी विभाग को भेज दिया गया है। उत्तराखंड सरकार निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर 20 जनवरी को कैबिनेट बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इसे आज पास भी कर दिया गया है। सूत्र बता रहे हैं कि कैबिनेट में यूसीसी पास होने के बाद अब 26 जनवरी को इसे लागू कर दिया जाएगा। भाजपा जहां यूसीसी को अपनी बड़ी उपलब्धि बताकर देश में सबसे पहले ऐसे कानून को लागू करने की बात कर रही है, वहीं कांग्रेस भाजपा पर हमलावर है और कांग्रेस का मानना है कि पिछले तीन साल से यूसीसी की रट लगा रही है। यूसीसी लागू होने से उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को क्या मिलेगा और वैसे भी केंद्र सरकार इस कानून को देशभर में लागू करने वाली है फिर राज्य सरकार के यूसीसी का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है। दूसरी ओर भाजपा इसे उत्तराखंड का गौरव बता रही है। भाजपा का मानना है कि समान नागरिक संहिता सीएम पुष्कर सिंह धामी का विजन है कहीं न कहीं इससे पूरे देश में संदेश जाएगा।

9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने उत्तराखंड के लिए कहीं न कहीं यह गौरव की बात है कि यहां समान नागरिक संहिता कानून लागू होने जा रहा है। सूत्रों की मानें तो आगामी 26 जनवरी को यह कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा। यूसीसी लागू होने से सभी नागरिकों के लिए एक कानून बन जाएगा चाहे वह किसी भी धर्म जाति या पंथ का हो। इसे भाजपा अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रही है। दूसरी ओर कांग्रेस यूसीसी को मात्र एक ढकोसला बता रही है। कांग्रेस का मानना है कि केंद्र सरकार पहले से ही ऐसा कानून तैयार कर चुकी है और पूरे देश में लागू करने की योजना पर काम कर रही है ऐसे में उत्तराखंड के इस यूसीसी कानून कोई औचित्य नहीं रह जाता।

यूसीसी यानि समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा जहां उत्साहित है वहीं कांग्रेस इसे वेबजह का कानून कह रही है। पुष्कर सिंह धामी सरकार इस कानून को तैयार करने में तीन साल से लगी है। इससे पहले राज्य स्थापना दिवस के मौके पर इस कानून को लागू करने की बात कही जा रही थी। अब निकाय चुनाव के बीच यूसीसी लागू करने की घोषणा से राजनीति गर्मा गई है। इस सिविल कोड से प्रदेश की जनता को फायदा होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल यह सिविल कोड चर्चाओं में है।

कुल मिलाकर यूसीसी लागू करने के लिए उत्तराखंड शासन स्तर पर तैयारी पूरी हो गई है। सतह ही आज कैबिनेट की बैठक में इस मसौदे को पास भी कर दिया गया है जिसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग इस विशेष कैबिनेट बैठक के लिए अनुमति भी प्रदान की है अब इस कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है इसके बाद माना जा रहा है की राज्य सरकार गणतंत्र दिवस पर यह कानून प्रदेश में लागू कर सकती है। इससे प्रदेश की जनता को फायदा होगा या नुकसान यह आने वाला वक्त ही बताएगा, फिलहाल इस सिविल कोड को लेकर राज्य की राजनीति निकाय चुनाव के बीच गर्म है और आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है।

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