मोदी से आस , बेहतर यात्रा का प्रयास  !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा से इस बार रोजगार और व्यापार बढ़ने की बात सरकार की ओर से की जा रही है। आज केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि भी तय हो चुकी है। ऐसे में एक ओर जहां चारधाम यात्रा की तैयारियों में प्रदेश सरकार के सभी विभाग लगे हुए हैं, वहीं इस बार शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग भी भाजपा सरकार कर रही है। पीएम मोदी का दौरा फिलहाल बारिश और बर्फबारी के अलर्ट के बाद टल गया है, लेकिन उम्मीद है कि मार्च में मौसम अनुकूल होने के बाद पीएम मोदी मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा आएंगे। प्रदेश सरकार ने पीएम मोदी के आगमन को लेकर लंबे समय से तैयारियां की हैं। तैयारियों का जायजा लेने सीएम धामी के साथ ही प्रदेश के प्रमुख अधिकारी मुखबा और हर्षिल घाटी का दौरा कर चुके हैं। भाजपा जहां इसे अपनी उपलब्धि बता रही है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि शीतकालीन यात्रा की शुरूआत पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल में हो चुकी थी, जिसे धामी सरकार ने आगे बढ़ाया है। कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी पार्टियां शीतकालीन यात्रा के साथ ही आने वाली चारधाम यात्रा में व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठा रही है। शीतकालीन यात्रा से कितना रोजगार बढ़ा और आगामी चारधाम यात्रा को लेकर क्या तैयारियां हैं,

दरअसल, उत्तराखंड में हर साल चारधाम यात्रा की शुरुआत अप्रैल माह से हो जाती है। इस बार शीतकालीन चारधाम यात्रा पर भी सरकार फोकस कर रही है। बता दें कि सर्दियों में शीतकालीन प्रवास स्थलों ऊखीमठ, जोशीमठ पांडुकेश्वर, मुखबा और खरसाली में चारों धामों के देवताओं की डोलियों की पूजा की जाती है। फिलहाल इन शीतकालीन प्रवासों पर कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। देखना होगा कि पीएम मोदी की ब्रांडिंग के बाद इस यात्रा को कितना बूस्टअप मिलेगा। वहीं, विपक्ष इसे मात्र एक जुमला करार दे रहा है और धरातल पर कोई तैयारी न होने की बात कह रहा है। साथ ही विपक्ष सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों को लेकर कह रहा है कि इनमें पर्यटक कम स्थानीय लोग ज्यादा हैं। दूसरी ओर स्थानीय व्यापारी और पंडा-पुरोहित भी शीतकालीन यात्रा से प्रदेश को फायदा होने की बात कह रहे हैं।

बता दें कि उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी विगत 28 जनवरी को देहरादून में अपने संबोधन में कह चुके हैं। उन्होंने इससे शीतकालीन आध्यात्मिक यात्रा को बढ़ावा मिलने की बात कही थी। इस यात्रा से कहीं न कहीं प्रदेश के लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। चारधाम यात्रा के समापन के बाद अभी तक यहां के चारधाम यात्रा पड़ाव सूने पड़े हैं। पीएम मोदी की इस ब्रांडिंग से कितना असर पड़ेगा यह आने वाले दिनों में सामने आ जाएगा। भाजपा के अनुसार इससे पर्यटन, व्यापार और रोजगार बढ़ेगा। शीतकालीन यात्रा बढ़ती है तो राज्य का पर्यटन बढ़ेगा और उत्तराखंड की जीडीपी भी बढ़ेगी। वहीं, कांग्रेस के अनुसार शीतकालीन चारधाम यात्रा का प्रचार-प्रसार भाजपा सरकार नहीं कर रही है। उक्रांद के अनुसार शीतकालीन यात्रा से स्थानीय लोगों की बजाय बाहर के लोगों को रोजगार मिल रहा है।

उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार तो प्रयासरत है, लेकिन धरातल पर इसे लेकर को प्लान नहीं है। पर्यटक बर्फ के दीदार करने उत्तराखंड की पहाड़ी वादियों में जरूर पहुंच रहे हैं, लेकिन चारधाम शीतकालीन गद्दी स्थलों पर कम ही लोगों की आवाजाही हो रही है। अब देखना होगा कि पीएम मोदी अगर उत्तराखंड में आकर इस शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग करते हैं तो क्या असर यात्रा और यहां के जनमानस पर पड़ेगा। चारधाम के मुख्य पड़ाव और छोटे-छोटे कस्बों में फिलहाल यात्री कम ही पहुंच रहे हैं। देखना होगा कि पीएम मोदी की ब्रांडिंग किस हद तक यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर पाएगी।

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