KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बीती रात प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया। अचानक आई तेज आंधी, तूफान और भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि ने जिले में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जिससे खेतों में कटी और खड़ी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। रात के अंधेरे में अचानक मौसम ने करवट ली। तेज हवाओं के साथ शुरू हुआ आंधी-तूफान कुछ ही पलों में विनाशकारी रूप ले चुका था। भारी बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों को जलमग्न कर दिया। खेतों में कटी पड़ी फसलें और कतरा अनाज भीग गया, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों की मेहनत पर फिरा पानी
गेहूं, चना, मसूर और अन्य रबी फसलों की कटाई का समय चल रहा था। कई किसानों ने अपनी फसल काटकर खेतों में रखी थी, जो इस बारिश और ओलावृष्टि की भेंट चढ़ गई। खेतों में खड़ी फसलें भी तेज हवाओं और ओलों की मार से बर्बाद हो गईं। किसानों का कहना है कि उनकी साल भर की मेहनत और उम्मीदें इस आपदा ने चकनाचूर कर दीं।किसान सदमे में,
मुआवजे की मांग
स्थानीय किसान रोहित यादव, जो एक किसान का बेटा है, ने बताया, “हमारी पूरी फसल बर्बाद हो गई। खेत में कटा अनाज भीग गया और जो फसल खड़ी थी, वह ओलों से तबाह हो गई। अब हम क्या करें? सरकार को तुरंत सर्वे कराकर हमें मुआवजा देना चाहिए।” रोहित की यह व्यथा बांदा के तमाम किसानों की पीड़ा को बयां करती है।

प्रशासन से राहत की उम्मीद
किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि फसल नुकसान का आकलन कर बीमा राशि और सरकारी सहायता जल्द उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे इस संकट से उबर सकें।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बांदा और आसपास के इलाकों में बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।इस आपदा ने बांदा के किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है। अब सभी की निगाहें सरकार और प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस मुश्किल घड़ी में किसानों का कितना साथ निभाते हैं।