नुकसान हुआ भारी, यात्रा की तैयारी !

 उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ के मुद्दे पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। दअरसल केदारनाथ में आई दैवीय आपदा के बाद सरकार की ओर से चलाया जा रहा रेस्क्यू आपरेशन संपन्न हो गया है। सरकार का दावा है कि रेस्क्यू आपरेशन में 15 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया। वहीं इस सफल रेस्क्यू आपरेशन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जमकर सराहना हो रही है। राज्यपाल से लेकर तमाम तीर्थ पुरोहित और भाजपा संगठन मुख्यमंत्री के प्रयासो की सराहना कर रहा है। वहीं रेस्क्यू आपरेश्न पूरा होते ही सीएम धामी ने केदारनाथ के लिए फिर हवाई सेवा शुरू करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पैदल मार्ग बंद होने के चलते हेलीकॉप्टर के किराये में 25 फीसदी छूट देने की भी घोषणा की है। जिसपर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं। कांग्रेस का कहना है कि आपदा के समय में सरकार लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है। और हेली कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है। वहीं आपदा पर मचे इस सियासी घमासान के बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बार फिर धामी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दअरसल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों के मामले पर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने नोटिस जारी कर एक बार फिर जिम्मेदारों से जवाब मांगा है। वहीं कोर्ट के इस आदेश के बाद विपक्ष एक बार फिर सत्तापक्ष पर हमलावर हो गया है।

 

31 जुलाई को केदारनाथ में आई भीषण तबाही के जख्म उत्तराखंड को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस दैवीय आपदा से एक ओर जहां केदारनाथ यात्रा मार्ग पूरी तरह से बाधित हो रखा है। तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के अन्य स्थानों में अतिवृष्टि से नुकसान भी लगातार बढ़ रहा है। अनुमान है कि इस आपदा में उत्तराखंड को दो से ढ़ाई हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। हांलाकि राहत की बात ये है कि केदारनाथ में चल रहा रेस्क्यू आपरेशन संपन्न हो गया है। सरकार ने 15 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है। वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि रेस्क्यू आपरेशन पूरा होने के बाद सरकार का ध्यान अब केदारनाथ की स्थिति को सामान्य करना है..वहीं मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पैदल मार्ग बंद होने के चलते हेलीकॉप्टर के किराये में 25 फीसदी छूट देने की भी घोषणा की है। जिसपर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं।

वहीं एक तरफ जहां राज्य सरकार सफल रेस्क्यू आपरेशन के लिए राहत की सांस ले ही रही थी कि इस बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों के मामले पर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिका में घोड़े खच्चरों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि चारधाम यात्रा में अब तक 600 घोड़ों की मौत हो गयी जिससे उस इलाके में बीमारी फैलने का खतरा बन गया है, इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि चारधाम यात्रा में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है जिससे जानवरों और इंसानों को खाने रहने की समस्या आ रही है।

कुल मिलाकर राज्य में केदारनाथ में आई आपदा के बीच हेलीकाप्टर सेवा को शुरू करने और 25 फीसदी की छूट देने के साथ ही कोर्ट की ओर से चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर जारी किये गये नोटिस पर सियासत गरमा गई है। सवाल ये है कि आखिर क्यों बार बार आ रही आपदाओँ से हम सबक नहीं ले रहे हैं। क्या सरकार का ध्यान सिर्फ चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का आंकड़ा बढ़ाने पर ही है या फिर इससे होने वाले नुकसान पर भी.

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