सिवनी, जिले के लखनादौन मुख्यालय में चारों और गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वही नगर परिषद लखनादौन में स्वच्छता अभियान के नारे और पोस्टर लगाने के दम पर ही शहर की गंदगी दूर कर स्वच्छता लाने के प्रयास में लगी है। वही जिम्मेदार और जनप्रतिनिधियो ने भी इस गंभीर मुद्दे को लेकर मोन दिख रहे हैं लखनादौन शहर की राजनीतिक उठापटक के चलते हुए कही न कही शहर का विकाश जिस तरह होना था वह नजर नहीं आ रहा है परिषद द्वारा हर माह सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद नगरवासी गंदगी से सराबोर और बजबजाती नालिया और चारो और कूड़े करकट के जमावड़े बीच अपनी जिंदगी जीने को मजबूर है जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी सब कुछ देखते हुए भी अनजान बने हुए हैं जिसके चलते नगरवासियों में आक्रोश व्याप्त है। नगर की परिषद के कई वार्डों में सफाई नहीं होने आलम यह है कि गंदगी से नगर परिषद का कोई भी वार्ड अछूता नहीं है। वार्डों में बजबजाती नालियों और गंदगी के ढेर ने जीना दुभर कर दिया है। वही दूसरी और नगर परिषद प्रशासन के दावे की बात की जाएं तो नगर में साफ -सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से चाक -चौबंद है। जबकि हालत यह है कि नगर परिषद कार्यालय और उसके पास के क्षेत्रों में फैली गंदगी ही नगर परिषद की व्यवस्थाओं की पोल खोलती है
नगर परिषद में अधिकारी व कर्मचारी स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं वही आलम तो यह है कि स्वच्छता भारत मिशन के तहत नगर परिषद सभी वार्डों में साफ-सफाई के नाम पर खिलवाड़ कर रही है। नगर के सभी वार्ड में जगह-जगह कीचड़ एवं कचरे के ढेर लगे दिखाई दे रहे हैं।
लोगों का आरोप है कि नगर को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए नगर परिषद द्वारा जोर-शोर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन स्वच्छता कहीं दिखाई नहीं दे रही है। नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में कई गलियां ऐसी हैं, जहां गंदगी का अंबार लगा है। नगर परिषद के अधिकारियों ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है। नगर परिषद द्वारा स्वच्छता एवं साफ-सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है, लेकिन जिस तरह से नगर की साफ-सफाई होनी चाहिए, ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है।
शहर के मध्य स्थित रोटा झील में गंदे जलजमाव से उठने वाली दुर्गंध से स्थानीय लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है की शहर के बिभिन्न विभिन्न जगहों से सफाई कर्मियों द्वारा कचरे गंदगी गंदगी उठाकर इसी झील में फेंक दिया जाता है। जिसके कारण स्थानीय लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।