उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव निपटने के बाद चुनाव आयोग कभी भी केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर में किसी भी वक्त चुनाव आयोग उपचुनाव की घोषणा कर देगा…वहीं चुनाव की तारीख नजदीक आते ही भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों ने तैयारी तेज कर दी है। वहीं हरियाणा और जम्मू कश्मीर में पार्टी का प्रचार प्रसार कर वापस उत्तराखंड लौटे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में चुनावी कमान संभाल ली है। सीएम धामी ने अगस्त्यमुनि में केदारघाटी के विकास से जुड़ी 25 घोषणाएं करते हुए केदारनाथ उपचुनाव का बिगुल भी फूंक दिया है। सीएम धामी ने केदारघाटी के उत्पादों को केदार ब्रांड बनाकर मातृशक्ति की आजीविका सुधारने के साथ ही तमाम घोषणाएं की है। इतना ही मुख्यमंत्री ने
195 करोड़ 75 लाख से ज्यादा की 141 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया है। वहीं चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की इतनी बड़ी सौगात से केदारनाथ की जनता बेहद उत्साहित है…यही वजह है कि भाजपा जीत को लेकर काफी आश्वस्त दिखाई दे रही है। हांलाकि केदारनाथ में भाजपा के सदस्यता अभियान को जनता का अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि केदारनाथ उपचुनाव से पहले भाजपा ने यहां सदस्यता अभियान के तहत 3000 नेताओं को सदस्य बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिन्होंने एक महीने में मात्र 17 हजार सदस्य ही बनाए हैं। जबकि पार्टी ने 30 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। वहीं कांग्रेस उपचुनाव में जीत को लेकर काफी आश्वस्त है…कांग्रेस का कहना है कि मंगलौर और बद्रीनाथ की तरह कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में भी जीत दर्ज करेगी
केदारनाथ उपचुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ की जनता को करोड़ो की सौगात दी है। सीएम धामी ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर में पार्टी का प्रचार प्रसार करने के बाद प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की कमान संभाल ली है। सीएम धामी ने अगस्त्यमुनि में केदारघाटी के विकास से जुड़ी 25 घोषणाएं करते हुए केदारनाथ उपचुनाव का बिगुल भी फूंक दिया है। सीएम धामी ने केदारघाटी के उत्पादों को केदार ब्रांड बनाकर मातृशक्ति की आजीविका सुधारने के साथ ही तमाम घोषणाएं की है। इतना ही मुख्यमंत्री ने 195 करोड़ 75 लाख से ज्यादा की 141 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया है। वहीं चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की इतनी बड़ी सौगात पर कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किये हैं
आपको बता दें कि केदारनाथ से भाजपा विधायक शैला रानी रावत का 9 जुलाई को निधन हो गया था। जिसके बाद अब कभी भी उपचुनाव की घोषणा की जा सकती है। वहीं केदारनाथ उपचुनाव से पहले भाजपा ने यहां बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया है जिसके तहत 3000 नेताओं को सदस्य बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिन्होंने एक महीने में मात्र 17 हजार सदस्य ही बनाए हैं। जबकि पार्टी ने 30 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। वहीं कांग्रेस भाजपा के इस अभियान पर कटाक्ष करने के साथ ही केदारनाथ उपचुनाव में जीत का दावा कर रही है
कुल मिलाकर हरियाणा और जम्मू कश्मीर के बाद अब सबकी निगाहें केदारनाथ उपचुनाव पर टिक गई है। केदारनाथ उपचुनाव के नतीजे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनेंगे…यही वजह है कि भाजपा ने एक ओर जहां अपने 5 कैबिनेट मंत्रियों की ड्यूटी केदानाथ में लगाई है तो वहीं सीएम धामी भी उपचुनाव से पहले करोड़ों की सौगात केदारनाथ की जनता को दे रहे हैं। सवाल ये है कि क्या इन घोषणाओं से भाजपा ये उपचुनाव जीत जाएगी। क्या मंगलौर और बद्रीनाथ में मिली जीत के सिलसिले को कांग्रेस केदारनाथ में भी दोहराने में कामयाब होगी या नहीं