उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था पर मचे सियासी बवाल के बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश के छह जिलों के जिलाधिकारियों को बदलने के साथ ही 32 IAS अफसरों समेत 13 PCS अधिकारियों के बंपर तबादले कर अपने कार्यकाल का सबसे बड़ा फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री ने कई अधिकारियों का भार हल्का किया है। जबकि कई अधिकारियों की जिम्मेदारी को बढ़ाया है। वहीं मुख्यमंत्री धामी के इतने बड़े फेरबदल पर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं। विपक्ष का आरोप है कि सीएम धामी ने विपक्ष के अफसरशाही हावी है के दावों को सच साबित किया है। इसके साथ ही विपक्ष का कहना है कि बार बार तबादले से राज्य के विकास कार्य बाधित होते हैं। इस बीच कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुलिस मुख्यालय पहुंचे जहां उन्होने निरीक्षण के बाद अधिकारियों की बैठक ली…..बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने के निर्देश दिये हैं। साथ ही महिला अपराध की रोकथाम और महिलाओं को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारियों को देने को भी कहा है….सवाल ये है कि आखिर मुख्यमंत्री को इतने बड़े प्रशासनिक फेरबदल की जरूरत क्यों पड़ी और क्या इस फेरबदल से अफसरशाही की कार्यप्रणाली में सुधार देखने को मिलेगा
उत्तराखंड में अफसरशाही पर मचे सियासी बवाल के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अबतक का सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश के छह जिलों के जिलाधिकारियों को बदलने के साथ ही 32 IAS अफसरों समेत 13 PCS अधिकारियों के बंपर तबादले कर अपने कार्यकाल का सबसे बड़ा फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री ने कई अधिकारियों का भार हल्का किया है। जबकि कई अधिकारियों की जिम्मेदारी को बढ़ाया है। वहीं मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि यह सामान्य फेरबदल है जबकि विपक्ष ने इसपर सवाल खड़े किये हैं। वहीं विपक्ष ने सरकार के विवेक पर सवाल खड़े किये हैं।
वहीं राज्य में हुए प्रशासनिक फेरबदल के बीच मुख्यमंत्री धामी पुलिस मुख्यालय पहुंचे जहां उन्होने निरीक्षण के बाद अधिकारियों की बैठक ली…..बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने के निर्देश दिये हैं। साथ ही महिला अपराध की रोकथाम और महिलाओं को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारियों को देने को भी कहा है….वहीं विपक्ष का कहना है कि राज्य की कानून व्यवस्था बदहाल है। राज्य में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। मुख्यंमत्री के इस निरीक्षण से कोई सुधार नहीं होने वाला है।
कुल मिलाकर राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था पर मचे सियासी बवाल के बीच सीएम धामी ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सबको चौंका दिया है। हांलाकि सीएम धामी इसे सामान्य प्रक्रिया बता रहे है लेकिन निश्चित ही अचानक हुए इतने बड़े फेरबदल ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल ये है कि क्या अचानक हुए इस बदलाव से अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा, क्या प्रशासनिक के बाद अब पुलिस विभाग में भी सीएम धामी फेरबदल करेंगे या नहीं