उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, साल 2024 की विदाई के साथ ही नए साल 2025 में हम प्रवेश करने जा रहे हैं…कहते हैं कि जनवरी सपना दिखाता है, और दिसंबर का महीना आईना दिखाता है. इसी के मद्देनजर आज हम उत्तराखंड की धामी सरकार के 2024 के कामकाज का विश्लेषण करेंगे. इसके तहत धामी सरकार की उपलब्धियों के साथ ही अधूरे कार्यों की याद दिलाएंगे….आपको बता दें कि 2024 में यूसीसी को लेकर उत्तराखंड चर्चाओं में रहा..हालांकि 2024 में यह लागू नहीं हुआ.इसके अलावा सशक्त भू कानून, मूल निवास के साथ ही पहाड़ों से पलायन रोकने, पहाड़ों में शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के सरकार के तमाम दावे अधूरे हैं…हालांकि मुख्यमंत्री धामी का दावा है कि 2024 में उत्तराखंड के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हुई है. मुख्यमंत्री के मुताबिक सरकार के ऐतिहासिक निर्णयों की बदौलत राष्ट्रीय औसत से बेरोजगारी दर प्रदेश में 4.4 प्रतिशत कम हुई है. इसके अलावा नीति आयोग के सतत विकास के लक्ष्यों में प्रदेश पहले पायदान पर रहा है…इसके अलावा राजस्व बढ़ोतरी के साथ ही कई अनेक कार्यों में राज्य ने उपलब्धि हासिल की है..वही विपक्षी दलों की मानें तो 2024 में प्रदेश ने कोई उपलब्धियां हांसिल नहीं की है. प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने के बाद भी राज्य का युवा बेरोजगार है. पिछले तीन सालों से यूसीसी लागू करने का सिर्फ दावा किया जा रहा है. इसके अलावा मूल निवास और भू कानून के साथ ही कई कार्यों को सरकार ने अधूरा रखा है…सवाल ये है कि क्या सरकार 2025 में इन अधूरे कार्यों को पूरा करेगी…
साल 2024 की विदाई के बाद उत्तराखंड की उपलब्धियों और अधूरे कार्यों पर राज्य में नई बहस शुरू हो गई है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार के कामकाज के लिहाज से साल 2024 बेहद निराशाजनक रहा है. सरकार पूरे साल भर यूसीसी जल्द लागू करने की चर्चा करती रही लेकिन ऐसा हुआ है. राज्य में सख्त भू कानून लागू करने,पहाड़ों से पलायन रोकने, पहाड़ों में शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के सरकार के तमाम दावे अधूरे हैं…हालांकि मुख्यमंत्री धामी का दावा है कि 2024 में उत्तराखंड के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हुई है. राष्ट्रीय औसत से बेरोजगारी दर प्रदेश में 4.4 प्रतिशत कम हुई है. इसके अलावा नीति आयोग के सतत विकास के लक्ष्यों में प्रदेश पहले पायदान पर रहा है…इसके अलावा राजस्व बढ़ोतरी के साथ ही कई अनेक कार्यों में राज्य ने उपलब्धि हासिल की है..
आपको बता दें कि कुछ कार्यों को छोड़ दें तो साल 2024 सीएम धामी के कड़े फैसलों के लिए भी जाना जाएगा. सख्त दंगा विरोधी कानून लागू करने, राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू करने, नई फिल्म नीति लागू करने, 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने, वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए निवेश समझौते के तहत 81 हजार करोड़ रुपये के निवेश की ग्राउंडिंग के साथ ही यूसीसी को लेकर उत्तराखंड चर्चाओं में रहा. हालांकि अब राज्य सरकार नए साल में इसे लागू करने का दावा कर रही है. वहीं विपक्ष यूसीसी समेत तमाम मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है
कुल मिलाकर नए साल से प्रदेश को काफी उम्मीदें हैं. दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के साथ ही ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाईन प्रोजेक्ट के पूरा होने के साथ ही इंवेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारकर बेरोजगार युवाओं के हाथों को रोजगार मुहैया कराने के साथ ही पहाड़ की समस्याओं के समाधान की भी है ऐसे में देखना होगा धामी सरकार 2025 में अपने किन किन वादों को पूरा करती है