KNEWS DESK- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह कदम 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए अनुरोध करने के बाद उठाया गया।
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में 30 जनवरी 2025 को सुनवाई होगी। यह सुनवाई उस याचिका पर होगी, जो केजरीवाल ने ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ दायर की है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की अदालत में यह मामला सुना जाएगा, जहां ईडी के वकील ने सूचित किया कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू शुक्रवार को अपनी प्रस्तुतियां देने वाले थे, लेकिन वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। इसके बाद अदालत ने मामले को 30 जनवरी 2025 तक के लिए सूचीबद्ध किया है, जबकि पहले इसे 19 फरवरी 2025 को सूचीबद्ध किया गया था।
केजरीवाल के वकील ने मामले की सुनवाई को स्थगित करने के ईडी के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा, “यहां एक व्यक्ति है, जिनके चुनाव जनवरी में आने वाले हैं, और वह मामले पर बहस करने के लिए दूसरे पक्ष का अंतहीन इंतजार कर रहे हैं।” इस मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा, आप के नेता मनीष सिसौदिया की याचिका पर भी 30 जनवरी 2025 को सुनवाई होगी, जो दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश के खिलाफ दायर की गई है।
दिल्ली के आबकारी नीति मामले में आरोप है कि केजरीवाल और उनके पार्टी सहयोगियों ने अवैध लाभ के लिए नीति में बदलाव किए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। हालांकि, केजरीवाल और सिसौदिया इन आरोपों को नकारते हुए खुद को बेदाग बता चुके हैं।
केजरीवाल के खिलाफ यह मुकदमा और इसकी अदालत में चल रही सुनवाई से उनके राजनीतिक करियर पर असर पड़ सकता है, खासकर 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले। इस मामले में आने वाले निर्णय को दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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