दिल्ली: दिवाली से पहले वायु गुणवत्ता में सुधार, 270 पर पहुंचा एक्यूआई लेवल

KNEWS DESK, दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में हालिया सुधार देखने को मिला है, जिससे राजधानी में रहने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिली है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का शनिवार को एक्यूआई 270 दर्ज किया गया।

Delhi AQI Today: दिवाली से पहले सुधर गई दिल्ली की हवा, बदल गया मौसम का मिजाज - delhi aqi today air quality improves poor category after 4 days transport emissions stubble burning |

25 अक्टूबर को शाम 4 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 270 दर्ज किया गया, जो कि गुरुवार को 306 था। हालांकि यह स्तर अभी भी खराब श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार अनुकूल हवा की गति के कारण वायु गुणवत्ता में यह सुधार संभव हुआ है। दिल्ली में चार दिनों तक लगातार बहुत खराब AQI के बाद हवा की दिशा और गति में अचानक बदलाव आया है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आई। हालांकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह राहत अल्पकालिक हो सकती है और तीन दिनों के भीतर प्रदूषण स्तर फिर से बढ़ने की आशंका है।

दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों का AQI

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका और वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में AQI अभी भी बहुत खराब श्रेणी में है। वहीं पड़ोसी क्षेत्रों जैसे ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बेहतर रही है।

AQI के स्तर की व्याख्या

AQI को शून्य से 50 के बीच अच्छा 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। वर्तमान में दिल्ली का AQI 270 पर है जो कि खराब श्रेणी में आता है।

GRAP-2 का लागू होना

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली में GRAP चरण 2 लागू किया है। यह योजना प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपायों का पालन करती है। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो GRAP-3 या 4 को लागू करने पर विचार किया जा सकता है।

भविष्य की चुनौतियां

दिल्ली में सर्दियों के महीनों में प्रदूषण के बढ़ने की संभावना होती है, जो कम हवा की गति, गिरते तापमान और उच्च नमी के स्तर के कारण होता है। अगले कुछ दिनों में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो सकती है, और अनुमान है कि 31 अक्टूबर तक AQI 400 तक पहुंच सकता है। इससे श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।

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