KNEWS DESK – नए साल के आगमन से पहले ही उत्तर प्रदेश के वृंदावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। हर साल की तरह, इस बार भी भगवान बांके बिहारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान बांके बिहारी के दर्शन कर रहे हैं। इस भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है।
एडवाइजरी में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक
आपको बता दें कि वृंदावन में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने कई विशेष इंतजाम किए हैं। एक तरफ जहां हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, वहीं प्रशासन ने चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी है। इसके बजाय, वृंदावन के बाहरी इलाकों में पार्किंग एरिया बनाए गए हैं। इन पार्किंग एरिया से मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को ई-रिक्शा सेवा प्रदान की जाएगी, जिससे वाहनों की आवाजाही कम हो और श्रद्धालुओं को सुगमता से मंदिर तक पहुंचाया जा सके।
मंदिर प्रबंधन की एडवाइजरी
बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के दौरान भीड़ के कारण कई बार श्रद्धालु बेहोश हो जाते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को होने वाली असुविधाओं के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन ने एडवाइजरी जारी की है। मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि आने वाले श्रद्धालु अपने साथ बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार व्यक्तियों और छोटे बच्चों को लेकर न आएं, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और दर्शन में कोई परेशानी न हो।
होटल रूम की बुकिंग पूरी, श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग का करना होगा प्रयास
नए साल के मौके पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण वृंदावन के होटल रूम पहले ही फुल हो चुके हैं। यहां तक कि 6 दिन पहले ही होटल की बुकिंग बंद कर दी गई थी। अब जो श्रद्धालु दर्शन के लिए वृंदावन आना चाहते हैं, उन्हें अपना रूम ऑनलाइन बुक करना होगा। अगर कोई श्रद्धालु बिना बुकिंग के वृंदावन पहुंचता है, तो उसे रूम मिलने में परेशानी हो सकती है, और उसे असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
सुरक्षा व्यवस्था पर जोर
प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पूरी तैयारी कर ली है। जगह-जगह पुलिस तैनात की गई है और श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मी मौजूद होंगे। इसके साथ ही, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और स्वच्छता व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पूजा अर्चना कर सकें।