उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर सस्पेंस बरकार है, हांलाकि अब राज्य सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव सम्पन्न कराने का दावा किया है। आपको बता दे कि नैनीताल हाईकोर्ट में राज्य में तय समय पर निकाय चुनाव न कराए जाने को लेकर दायर जनहित याचिकाओ पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूर्व के आदेश के अनुपालन में निकाय चुनाव के कार्यक्रम के संबंध में भी जानकारी मांगी। बता दे कि पूर्व में हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा था कि प्रदेश में कब तक राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कर ली जाएगी और निकाय चुनाव कब तक संपन्न करा लिए जाएंगे? वहीं मंगलवार को हुई सुनवाई में अपर सचिव शहरी विकास नितिन सिंह भदौरिया कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि सितंबर के पहले सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति हो जाएगी। वहीं अब इस मुद्दे पर राज्य में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस का कहना है कि उसे भरोसा नहीं है कि 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव शुरू भी हो पाएंगे। कांग्रेस का तर्क है कि ओबीसी आरक्षण और परिसिमन का कार्य अबतक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में 25 अक्टूबर तक भी निकाय चुनाव हो पाएंगे. इसपर सस्पेंस है, इसी वजह से हम कह रहे हैं
उत्तराखंड में जल्द निकाय चुनाव हो सकते हैं। राज्य सरकार ने कोर्ट में निकाय चुनाव 25 अक्तूबर तक कराने का दावा किया है। प्रदेश के अपर सचिव शहरी विकास नितिन सिंह भदौरिया ने ये जानकारी नैनीताल हाईकोर्ट में दी है। आपको बता दें कि इस मामले में संबंधित जनहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूर्व के आदेश के अनुपालन में निकाय चुनाव के कार्यक्रम के संबंध में जानकारी मांगी। पूर्व में कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा था कि प्रदेश में कब तक राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कर ली जाएगी और निकाय चुनाव कब तक संपन्न करा लिए जाएंगे? इस पर नितिन सिंह भदौरिया ने कोर्ट को अवगत कराया कि सितंबर पहले सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति हो जाएगी।
आपको बता दें कि प्रदेश के सौ नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर 2023 को खत्म होने के बाद इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद भी धामी सरकार ने जून 2024 में तीन माह के लिए प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया था। वहीं अब एक बार फिर प्रशासकों का कार्यकाल सितंबर माह में पूरा हो रहा है लेकिन निकाय चुनाव को लेकर असमंजस अभी भी बरकरार है। वहीं राज्य में अब इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस का तर्क है कि ओबीसी आरक्षण और परिसिमन का कार्य अबतक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में 25 अक्टूबर तक भी निकाय चुनाव हो पाएंगे. इसपर सस्पेंस है
कुल मिलाकर राज्य में एक बार फिर निकाय चुनाव पर सिसायी वार पलटवार शुरू हो गया है। एक ओर जहां सरकार निकाय चुनाव के लिए पूरी तैयारी का दावा कर रही है और 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव सम्पन्न कराने का दावा भी कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष अभी भी सरकार के दावों पर भरोसा नहीं कर पा रहा है। सवाल ये है कि क्या सरकार का जल्द निकाय चुनाव कराने का दावा सही है। आखिर कब सरकार राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करेगी और कब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी