छत्तीसगढ़: अमगांव के ग्रामीणों का 9वें दिन भी जारी रहा आंदोलन, पांच सूत्रीय मांग पर अड़े ग्रामीण

रिपोर्ट- चंद्रकुमार श्रीवास

अमगांव- ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले अमगांव पंचायत के आश्रित मोहल्ले जोकाही डबरीपारा दर्राखांचा के ग्रामीणों के द्वारा 16 जनवरी से मेगा प्रोजेक्ट एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में खदान फेस पर अपनी मुआवजा बसाहट रोजगार सहित पांच सूत्रीय मांग को लेकर डेरा डालकर ग्रामीण आंदोलित हैं। पंडाल लगाकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आज अमगांव पंचायत के आश्रित परिवारों के द्वारा अनवरत धरना प्रदर्शन की 9वें दिन भी आंदोलन में डटे रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि पांच बिंदुओं के मसले को एसईसीएल प्रबंधन और शासन के द्वारा जब तक निराकृत नहीं हो जाता, यह अनवरत आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और चलता रहेगा। जरूरत पड़ने पर खदानबंदी कोल परिवहन को बाधित भी करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि सात साल से जोकाही डबरीपारा के रुके पड़े मुआवजा राशि को यथाशीघ्र भुगतान करें। 100 प्रतिशत सोलिशियम के साथ नेहरू नगर बतारी में समस्त सुविधायुक्त शीघ्र व्यवस्था किया जाए। दर्राखांचा के सर्वे नापी मूल्यांकन के पावती के साथ मुआवजा की जानकारी प्रदान की जाए। ग्राम मोहल्ले में 18 साल से अधिक की उम्र वाले बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराएं।

ऊर्जाधानी संगठन के गेवरा क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनसुईया राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने पुराने भू-अर्जन अधिनियम 1984 को निरस्त कर दिया है। उसके स्थान पर भूमि अर्जन पुनर्वासन तथा पुनवर्यव्स्थापन में उचित प्रतिकर तथा पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 लागू किया गया है। यह अधिनियम अब छत्तीसगढ़ में भी लागू हो गया है। भू-अर्जन में उन लोगों को भी प्रभावित माना जाएगा, जो तीन साल से उस क्षेत्र में निवासरत हैं। जमीन नहीं होने पर भी उन्हें स्थाई निवासी मानकर पुनर्वास का लाभ दिया जाएगा लेकिन एसईसीएल के द्वारा ग्रामीण किसानों को इस लाभ से वंचित किया जा रहा है और इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सात साल से ग्रामीण मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। एसईसीएल और शासन एक-दूसरे पर पाला डालकर ग्रामीणों को मझधार में छोड़ दिया गया है। ग्रामीण जाएं तो जाएं कहां? इसीलिए ग्रामीण आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। सुनवाई प्रबंधन और प्रशासन के द्वारा नहीं हुई। आंदोलन का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आंदोलनकारी आम भूविस्थापित लोंगो ने निर्णय लिया है कि अब खदान के विस्तार को रोकने, आबादी क्षेत्र में ब्लास्टिंग को रोकने का निर्णय लिया गया है, जिसकी सूचना सबंधित अधिकारी और प्रबंधन को दी जाएगी।

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