रिपोर्ट – संजय यादव
KNEWS DESK – बिलासपुर के सिम्स हॉस्पिटल में हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर दीपक जांगड़े और उनकी टीम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। टेढ़े-मेढ़े पैर वाले 300 बच्चों का सफल ऑपरेशन कर उनके जीवन को संवारने का काम किया है। इसके साथ ही परिवारों को निजी अस्पतालों में होने वाले लाखों रुपये के खर्च से भी बचाया जा रहा है।
दरअसल आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सिम्स हॉस्पिटल में हड्डी रोग विभाग और शिशु रोग विभाग के डॉक्टरों ने मिलकर टेढ़े-मेढ़े पैर वाले 300 बच्चों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया है। जो बच्चे ढंग से चल-फिर पाने में असमर्थ थे, वे अब दौड़-भाग कर रहे हैं। यह संभव हुआ है सिम्स अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर दीपक जांगड़े और उनकी टीम द्वारा। इस पहल से न केवल बच्चों के जीवन को सुधारने में मदद मिली है, बल्कि परिवारों को निजी अस्पतालों में होने वाले लाखों रुपये के खर्च से भी राहत मिली है।
जन्मजात विकृति का इलाज
डॉक्टर दीपक जांगड़े ने बताया कि टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों की यह जन्मजात बीमारी है। कुछ बच्चों का एक पैर टेढ़ा होता है, जबकि कुछ का दोनों पैर। प्रारंभिक समय में लोगों को इस समस्या के बारे में जानकारी नहीं होती थी, इसलिए वे इसका इलाज नहीं करवाते थे, जिससे बच्चों के पैर वैसे ही रह जाते थे। लेकिन कुछ समय बाद अस्पताल में इन समस्याओं का इलाज शुरू हुआ, जिसके बाद 300 बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज कर उनके पैर सीधा किया गया। जन्म से दो वर्ष के बच्चों को प्लास्टर लगाकर बाद में छोटा ऑपरेशन कर जूता पहनाया जाता है, जिससे उनके पैर सीधे हो जाते हैं। फिलहाल, सिम्स अस्पताल के ओपीडी में रोज 1 से 2 मरीज पहुंच रहे हैं।