चारधाम, बर्फ से जाम !

रिपोर्ट – उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड में अब 12 महीने चारधाम यात्रा चलेगी राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के चारों धाम के शीतकालीन प्रवासों की यात्रा का शुभारंभ कर दिया है। इस बीच सीजन की पहली बर्फबारी भी देखने को मिल गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश-बर्फबारी का अनुमान जताया है। ऐसे में श्रद्धालुओं के साथ- साथ भारी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की भी उम्मीद है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश किया है। मुख्यमंत्री ने शीतकालीन यात्रा शुरू होने को लेकर श्रद्धालुओं को बधाई व शुभकामनाएं दीं। साथ ही कहा कि अब श्रद्धालु ग्रीष्मकाल के साथ शीतकाल में भी बाबा केदार, मां गंगा-यमुना और ईष्टदेव के दर्शन कर सकेंगे। शीतकालीन यात्रा शुरू होने से रोजगार-स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे. बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार से साल भर चारधाम यात्रा को चलाने की मांग की थी। वहीं इस वर्ष की चारधाम यात्रा संपन्न हो गई है। इस वर्ष की चारधाम यात्रा से सरकार को उम्मीद थी कि पिछले सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बता दें कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा में करीब 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। जबकि पिछले वर्ष 2023 की यात्रा में 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किये थे। इस लिहाज से देखे तो करीब 12 लाख श्रद्धालुओं की कमी आई है। कांग्रेस का आरोप है सरकार ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए कोई तैयारी नहीं की है। इससे पहले ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा में भी सरकार की अव्यवस्था से श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के नकारात्मक यात्रा के प्रचार से देश विदेश के श्रद्धालुओं में गलत संदेश गया जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। सवाल ये है कि क्या शीतकालीन यात्रा के लिए सरकार की तैयारी पूरी है

उत्तराखंड में ग्रीष्मकाल के साथ ही शीतकाल में भी चारों धामों के दर्शन होंगे. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के चारोंधाम के शीतकालीन प्रवासों की यात्रा का शुभारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री ने शीतकालीन यात्रा शुरू होने को लेकर श्रद्धालुओं को बधाई व शुभकामनाएं दीं। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार का ध्यान सिर्फ सुर्खियां बटोरने में है। सरकार ने शीतकालीन यात्रा को लेकर कोई तैयारी नहीं की है। हालांकि सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करते हुए कांग्रेस को अपने शासनकाल को याद करने का अनुरोध किया है।

आपको बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफ लाइन है। प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके आलावा प्रदेश की बड़ी आबादी इस यात्रा से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि अब सरकार 12 महीने इस यात्रा को चलाने जा रही है। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार से साल भर चारधाम यात्रा को चलाने की मांग की थी। वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने शीतकालीन यात्रा के लिए धरातल पर कोई तैयारी नहीं की है। शीतलहर से बचाव के साथ ही जाम से निपटने और स्वास्थ्य सेवाओं में स्टॉफ की कमी को दूर नहीं किया गया है

 कुल मिलाकर उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़ा जरिया पर्यटन और तीर्थाटन है. प्रदेश की चारधाम यात्रा से प्रदेश को काफी उम्मीदें है। यही वजह है कि सरकार ने अब शीतकालीन यात्रा का भी शुभारंभ कर दिया है। सवाल ये है कि क्या यात्रा को लेकर सरकार की तैयारी पूरी है। आखिर बारिश-बर्फबारी के बीच सरकार यात्रा का संचालन कैसे करा पाएगी।

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