धधकता जंगल, जलता जनजीवन !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देवभूमि उत्तराखंड में वनाग्नि अब जानलेवा हो गई है। दअरसल अल्मोडा के बिनसर में जंगल की विकराल आग को बुझाने गए चार वनकर्मी जिंदा जल गए। जबकि चार अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद चारों वन कर्मचारियों को दिल्ली भर्ती कराया गया है। वहीं जंगलों की आग को बुझाने के लिए सरकार ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मैदान में उतारा है। इसकी मदद से अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख अनुग्रह धनराशि देने के निर्देश दिए हैं। वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रमुख वन संरक्षक डॉ.धनंजय मोहन को इस हादसे की जांच के आदेश देते हुए जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। इसके साथ ही वन मंत्री ने कहा कि वनाग्नि बुझाने को रखे अस्थायी कर्मचारियों का इंश्योरेंस नहीं कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं कांग्रेस ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि समय रहते सरकार ने वनाग्नि को निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की जिसकी वजह से अबतक 10 से ज्यादा वन कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार की ओर से मृतकों को 10-10 लाख रुपए के मुआवजे को नाकाफी बताया है साथ ही सरकार से मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की है। सवाल ये है कि आखिर अल्मोड़ा के बिनसर की घटना का कौन जिम्मेदार है। आखिर क्यों वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ने पहले से उचित इंतजाम क्यो नहीं किए

उत्तराखंड में तापमान बढ़ने के साथ ही वनाग्नि विकराल होने के साथ ही अब जानलेवा होती जा रही है। अल्मोडा के बिनसर में जंगल की विकराल आग को बुझाने गए चार वनकर्मी जिंदा जल गए। जबकि चार अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद चारों वन कर्मचारियों को दिल्ली भर्ती कराया गया है। वहीं जंगलों की आग को बुझाने के लिए सरकार ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मैदान में उतारा है। इसकी मदद से अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख अनुग्रह धनराशि देने के निर्देश दिए हैं। हांलाकि विपक्ष ने इस मुआवजा राशि को नाकाफी बताया है

 

आपको बता दें कि राज्य सरकार ने बिनसर में हुई इस घटना के जांच के आदेश दिए हैँ। वहीं अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए एमआई-17 की मदद ली जा रही है। हांलाकि जंगलों में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही है क्योंकि प्रदेशभर में प्रचंड गर्मी के प्रकोप से तापमान में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। वहीं अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि वनाग्नि की अबतक 1213 घटनाएं सामने आई है। जिसमें अबतक कुल 653 वन हेक्टेयर जंगल वनाग्नि से प्रभावित हुआ है। उन्होने बताया कि इस वर्ष की वनाग्नि की घटनाओं ने वर्ष 2023 के रिकार्ड को तोड़ दिया है।

कुल मिलाकर प्रदेशभर में प्रचंड गर्मी के साथ ही जंगलों की आग ने आम जनता की परेशानियों को मुश्किलों में डाल दिया है। वहीं राज्य के जंगलों में लगी आग से एक ओर जहां वन संपदा को नुकसान हो रहा है तो वहीं आम जनता का जिना मुश्किल हो गया है। इस बीच चार और वन कर्मचारियों की मौत के साथ ही आग में झुलसे कर्मचारियों को प्रदेश में उचित इलाज ना मिलने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर क्यों सरकार ने समय रहते वनाग्नि से निपटने की तैयारी नहीं की।

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