भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने विपक्षी पार्टियों पर कसा तंज

KNEWS DESK… BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने विरोधी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमेशा से विरोधी दल अर्थव्यवस्था को लेकर झूठे आंकड़े प्रस्तुत करते रहते हैं। ये अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को लेकर कयामत की भविष्यवाणी करते हैं। भविष्यवाणी करने वाले इनके अर्थशास्त्री और कुछ राजनेता अपने आंकड़े प्रस्तुत करते हैं और लगातार गलत साबित हो रहे हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में हुई है वृद्धि

गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने मोदी सरकार की आर्थिक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था जुड़वां बैलेंस शीट की समस्या का सामना कर रही थी, बैंक बेहद कमजोर थे एवं कॉपोर्रेट के क्षेत्र अत्यधिक कर्जदार था. यह कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं था। लेकिन मोदी सरकार ने इन से जुड़ी कई पहलूओं पर विचार कर उन पर कार्य किया। जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई तथा भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत हुआ।

भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर है

बैंकिंग के क्षेत्र में NPA समाधान, IBC, पूंजी निवेश जैसी कई सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नितियों की वजह से ही आज भारत में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है. आज भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर है और राजकोष सुचारू एवं अनुमानित पथ पर अग्रसर है। इसका प्रमाण यही है कि आज भारत आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के साथ खड़ा है और तरक्की के राह पर आगे बढ़ रहा है। जबकि हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका फेल हो गया है, बांग्लादेश आईएमएफ से मदद मांग रहा है एवं पाकिस्तान कर्ज में डूबा बबार्दी के कगार पर जा रहा है।

भारत कोरोना से निपटने में रहा सफल

BJP प्रवक्ता अग्रवाल ने दावा करते हुए कहा कि RBI एवं अन्य मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों और राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज, आत्मनिर्भर भारत पैकेज जैसे दूरगामी परिणाम वाले कदमों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले से बेहतर बनाया है। इससे कोविड के बाद आई समस्याओं से उबरने और मुद्रास्फीति, मंदी तथा राजकोषीय घाटे का प्रबंधन करने में मदद मिली है।

यूरोपीय देश एक के बाद एक मंदी की चपेट में आ रहे

गोपाल कृष्ण ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका आज अभूतपूर्व मुद्रास्फीति  का सामना कर रहा है। यूरोपीय देश एक के बाद एक मंदी की चपेट में आ रहे हैं। इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, चीन आदि देश भी कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के सदमे से अभी तक बाहर नहीं निकल पाया है। जबकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जोकि सबसे अधिक एफडीआई को आकर्षित कर रहा है। जहां आज अमेरिकी और यूरोपीय बैंक एक के बाद एक विफल हो रहे हैं और इस स्थिति से निपटने के लिए उनके पास कोई उपाय नहीं है। वही भारतीय मोदी सरकार ने केंद्रीय संस्थाओं से मिलकर महामारी के समय देश की समस्याओं से बेहतर तरीके से निपटा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक विकास हुआ

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक विकास हुआ है। भारतीय सकल घरेलू उत्पाद 5 ट्रिलियन अमेरिकी डालर की तीव्र गति से आगे की ओर बढ़ रहा है। देश की मुद्रस्फीति 4.25 प्रतिशत और खाद्या मुद्रास्फीति केवल 2.91 प्रतिशत पर है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर 7.2 प्रतिशत है। कॉरपोरेट टैक्स में कमी और व्यक्तिगत कर में अधिक छूट के बावजूद वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.68 लाख रुपए रहा है। जो पिछले वर्ष के अनुपात में 17.63 प्रतिशत अधिक हैं।

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