KNEWS DESK – बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में छात्रों का विरोध प्रदर्शन नौवें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं, और वे चाहते हैं कि बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा को रद्द किया जाए। इस बीच, बुधवार को पुलिस द्वारा प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करने का मामला गर्मा गया, जिससे सियासी माहौल भी गरम हो गया है।
लाठीचार्ज पर विरोध बढ़ा, नेताओं ने बिहार सरकार पर निशाना साधा
आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने इसे न केवल छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया, बल्कि बिहार सरकार की निष्ठा पर भी सवाल उठाए। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज करना गलत था और यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
तेजस्वी यादव ने किया भाजपा पर हमला, गुंडागर्दी की पराकाष्ठा करार दिया
इसी बीच, राजद के नेता और विधायक तेजस्वी यादव ने भी पुलिस की कार्रवाई को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाठीचार्ज का वीडियो शेयर करते हुए भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिहार में गुंडागर्दी की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। तेजस्वी यादव ने लिखा कि कुछ महीने पहले, नीतीश कुमार को मानसिक रूप से अस्वस्थ करार देने वाले भाजपा-लोजपा-हम के नेता अब बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को जायज ठहरा रहे हैं। उन्होंने बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में छात्र-छात्राओं पर हुए इस अत्याचार के पीछे पूरी तरह से स्वार्थी राजनीतिक नेतृत्व का हाथ है।
पप्पू यादव ने हाईकोर्ट से जांच की मांग की
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलने धरनास्थल पर पहुंचे और इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की। पप्पू यादव ने कहा कि यह बेहद अनुचित है कि छात्रों पर लाठियां चलाई जा रही हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट की बेंच से करवाई जाए। पप्पू यादव ने यह भी सवाल उठाया कि बिहार सरकार को आखिर बीपीएससी अभ्यर्थियों से इतनी दुश्मनी क्यों है, कि उन्हें आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि छात्रों के खिलाफ कोई हिंसा हुई तो वह उनकी लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हैं और छात्रों की मांग पूरी होने तक संघर्ष जारी रखेंगे।
छात्रों की मांग, परीक्षा रद्द कर फिर से कराई जाए
प्रदर्शनकारी छात्रों की प्रमुख मांग है कि बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किया जाए और एक नई परीक्षा का आयोजन किया जाए। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में कई गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। इसके अलावा, छात्र यह भी आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन की ओर से उनकी आवाज़ दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया गया।
सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं
बिहार सरकार की ओर से अभी तक इस पूरे मामले पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, राज्य के विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मामले को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बनाया है और छात्रों के समर्थन में बयान दिए हैं।