रिपोर्ट – सिद्धार्थ द्विवेदी
उत्तर प्रदेश – हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे में लगभग 176 वर्ष पुराना ऐतिहासिक तीजा महोत्सव बहुत ही भव्य ढंग से आयोजित किया गया| जिसमें करीब दो दर्जन से अधिक आकर्षक झांकियों के साथ देश जवानों की भी झांकी सजाई गई, इस महोत्सव को देखने के लिए आस-पास और दूसरे जिलों से भी लाखों लोग आते हैं।
पौराणिक मान्यता
मान्यता है की भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में असुरों का आवागमन शुरू हो गया था जो किसी भी दशा में श्री कृष्ण की हत्या करना चाहते थे| असुर तो सफल नहीं हुए, लेकिन बाल कृष्ण ने स्वयं इन असुरों का वध कर दिया| इसी मान्यता के आधार पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी के बाद से कस्बा सुमेरपुर को गोकुल मानते हुए तीज महोत्सव का आयोजन किया जाता है और राक्षसों के रूप में तीजा निकलते हैं| जिसमें खासकर बच्चे सबसे ज्यादा आनंद लेते हैं|
झांकियों के साथ लगने वाली हजारों की भीड़
तीजा महोत्सव शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व ही तैयारियों जोर पकड़ लेती है| तीन दिन पहले से ही दूर-दूर से लोग आकर अपनी दुकानें सजाने लगते हैं| दोपहर होते ही सुमेरपुर की गलियों में दूर-दूर से आने वालों का हुजूम उमड़ने लगता हैं और छोटी बाजार स्थित कृष्ण मंदिर से झांकियां उठ कर पूरे नगर का भ्रमण करतीं हैं| झांकियों के ये सजीव रूप लोगों का मन मोह लेते हैं| भगवान विष्णू, अर्जुन द्वारा मीन वेध, कुरुक्षेत्र में रथ पर श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश, पुष्पक विमान पर रावण द्वारा सीताहरण, झूले में राधा-कृष्ण, कैलाश पर्वत पर विराजमान भगवान शिव आदि मनमोहक झांकियों के साथ दुश्मनों से लड़ाई लड़ने वाले देश के वीर जवानों की भी झांकी सजाई गई।
पूरे कस्बे में झांकियों के साथ लगने वाली हजारों की भीड़ को देखकर बुंदेलखंड के इस एतिहासिक मेले का अंदाजा लगाया जा सकता है| इस भीड़ को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।