उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में हो रही पशुओं की मौत और अव्यवस्थाओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे बेहद गंभीर बताया है इसके साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी चमोली. रुद्रप्रयाग, और उत्तरकाशी सहित टूरिज्म बोर्ड़ व पशुकल्याण बोर्ड़ को पक्षकार बनाते हुए सभी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी…कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चारधाम यात्रा में घोड़ खच्चरों की मौत और उनपर हो रहे अत्याचार को बेहद गंभीर बताया है…आपकों बता दे कि दिल्ली निवासी धर्मगुरु अजय गौतम ने कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी जिसमें उन्होने कहा था कि चारधाम यात्रा में पूरी तरह से अव्यवस्थाएं फैली हैं। श्रृधालुओं के लिए खाने पीने व रहने की सुविधाएं नही हैं ना ही कोई सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है। जबकि प्रत्येक दिन 25 हजार से अधिक श्रद्धालु वहाँ पहुँच रहे है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों पर अमानविय व्यवहार हो रहा है। हांलाकि सरकार का दावा है कि व्यवस्थाएं बेहतर की गई है। वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर सत्तापक्ष पर हमला किया है। सवाल ये है कि आखिर बेजुबान जानवरों पर यात्रा के नाम पर अत्याचार कितना सही है….और कैसे इन बेजुबानों पर अत्याचार को रोका जाए
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में हो रही पशुओं की मौत और अव्यवस्थाओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे बेहद गंभीर बताया है इसके साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी चमोली. रुद्रप्रयाग, और उत्तरकाशी सहित टूरिज्म बोर्ड़ व पशुकल्याण बोर्ड़ को पक्षकार बनाते हुए सभी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी…कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चारधाम यात्रा में घोड़ खच्चरों की मौत और उनपर हो रहे अत्याचार को बेहद गंभीर बताया है…आपकों बता दे कि दिल्ली निवासी धर्मगुरु अजय गौतम ने कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी जिसमें उन्होने कहा था कि चारधाम यात्रा में पूरी तरह से अव्यवस्थाएं फैली हैं। श्रृधालुओं के लिए खाने पीने व रहने की सुविधाएं नही हैं ना ही कोई सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है। जबकि प्रत्येक दिन 25 हजार से अधिक श्रद्धालु वहाँ पहुँच रहे है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों पर अमानविय व्यवहार हो रहा है। वहीं पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि पशुओं के साथ अत्याचार नहीं सहा जाएगा
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों पर काफी अत्याचार देखने को मिल रहा है। घोड़े खच्चर संचालक जबरन घोड़े खच्चरों से कई कई चक्कर लगा रहे हैं। जबरन नशा कराया जा रहा है। खुले में घोड़े खच्चरों के शवों को फेंका जा रहा है। वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर सत्तापक्ष पर हमला किया है। कांग्रेस ने हाईकोर्ट का धन्यवाद देते हुए सरकार से बेजुबान जानवरों पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं आम आदमी पार्टी ने घोड़े खच्चरों के साथ अत्याचार पर रोक लगाने की सरकार से मांग की है
कुल मिलाकर चारधाम यात्रा के दौरान बेजुबान जानवरों पर हो रहा अत्याचार बेहद गंभीर है…सवाल ये है कि क्या कोर्ट की सख्ती के बाद इन बेजुबान जानवरों पर अत्याचार खत्म होगा….आखिर बेजुबान जानवरों पर यात्रा के नाम पर अत्याचार क्यों किया जा रहा है….आखिर चंद रुपयों के लालच में घोड़ा खच्चर स्वामियों की इंसानियत कहां मर जाती है