राय मशवरा जारी, यात्रा प्राधिकरण की तैयारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट  , उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए धामी सरकार कई बडे फैसले लेने जा रही है। इसके लिए सरकार एक ओर जहां यात्रा प्राधिकरण का गठन करने की तैयारी कर रही है तो वहीं रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने इस संबंध में अधिकारियों की बैठक ली है। सीएम धामी ने प्राधिकरण के लिए अधिकारियों को 30 जनवरी तक जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा अधिकारियों को रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के निर्देश दिये हैं। हांलाकि तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. देहरादून में तीर्थ पुरोहित महापंचायत की बैठक हुई जिसमें यात्रा प्राधिकरण का विरोध किया गया, इसके अलावा चारधाम यात्रा में पंजीकरण की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किए जाने की मांग की गई। ऐसे ना करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। बता दें कि इससे पूर्व त्रिवेंद्र सरकार ने भी देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। हांलाकि भारी विरोध के चलते खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बोर्ड को भंग कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर यात्रा प्राधिकरण के गठन की सरकार तैयारी कर रही है…बता दें कि धामी सरकार 12 महीने चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से शीतकालीन यात्रा की शुरूआत की गई है। हांलाकि बारिश-बर्फबारी के बीच सरकार के लिए यात्रा का संचालन बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है. वहीं विपक्ष की ओर से भी बिना तैयारी के यात्रा का संचालन करने का आरोप सरकार पर लगाया गया है। 

 

 धामी सरकार के चारधाम विकास प्राधिकरण के गठन से पहले ही तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। इसके तहत देहरादून में उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत की बैठक बुलाई गई. बैठक में प्राधिकरण के गठन का विरोध किया गया. साथ ही इसके गठन से पहले तीर्थ पुरोहितों की राय लेने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही महापंचायत ने चारधाम यात्रा में पंजीकरण की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किए जाने की मांग की है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होने यात्रियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बदरीनाथकेदारनाथगंगोत्री और यमुनोत्री क्षेत्र की धारण क्षमता बढ़ाई जाने के निर्णय के साथ ही यात्रा प्राधिकरण के गठन के लिए जरूरी प्रक्रिया को 30 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश दिये हैं।

 

 

आपको बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाईफलाईन है। प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योग्दान है। यात्रा के व्यवस्थित संचालन के लिए पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार ने भी देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2019 में चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था. हांलाकि भारी विरोध के चलते खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बोर्ड को भंग कर दिया था। बता दें कि धामी सरकार 12 महीने चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है। मुख्यमंत्री धामी की ओर से शीतकालीन यात्रा की शुरूआत की गई है। हांलाकि बारिश-बर्फबारी के बीच सरकार के लिए यात्रा का संचालन बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है. वहीं मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बर्फबारी का अनुमान भी जारी किया है। वहीं विपक्ष की ओर से बिना तैयारी के यात्रा का संचालन करने का आरोप सरकार पर लगाया गया है।

 

कुल मिलाकर उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़ा जरिया पर्यटन और तीर्थाटन है. प्रदेश की चारधाम यात्रा से प्रदेश को काफी उम्मीदें है। यही वजह है कि सरकार ने अब शीतकालीन यात्रा का भी संचालन शुरू कर दिया है। हांलाकि व्यवस्थाओं को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में अब धामी सरकार यात्रा प्राधिकरण का गठन करने के साथ ही पंजीकरण की व्यवस्था को ओर अधिक मजबूत बनाने पर कार्य कर रही है जिसका तीर्थ पुरोहितों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। देखना होगा धामी सरकार आगे क्या कुछ निर्णय लेती है।

 

 

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