Rajasthan Election Result 2023: चुनाव के दौरान चर्चा में आए नेता बाबा बालकनाथ, बाबा को ‘राजस्थान का योगी’ कहकर किया जा रहा संबोधित

KNEWS DESK – राजस्थान चुनाव के दौरान कई नेताओं ने सुर्खियां बटोरीं हैं| जिनमें बीजेपी नेता बाबा बालकनाथ भी शामिल हैं, बाबा बीजेपी के टिकट पर अलवर की तिजारा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि बालकनाथ अलवर से सांसद भी हैं। बालकनाथ की तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जा रही है। बीजेपी कार्यकर्ता उन्हें ‘राजस्थान का योगी’ कहकर संबोधित कर रहे हैं|

कौन हैं बाबा बालक नाथ, जिन्हें लोग कहते हैं 'राजस्थान का योगी'; बीजेपी की टिकट पर तिजारा से लड़ेंगे चुनावी युद्ध-Baba Balak Nath Yogi of Rajasthan Will fight ...

बालकनाथ ने हलफनामे में बताया

चुनाव से पहले अपने नामांकन में बालकनाथ ने बताया था कि उनकी उम्र 39 साल है और उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है। बालकनाथ ने चुनावी हलफनामे में खुद को अविवाहित बताया था। आपको बता दें कि बालकनाथ नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ रोहतक स्थित बोहर मठ के महंत हैं। बोहर मठ का रोहतक में बड़ा प्रभाव माना जाता है क्योंकि इस मठ में कई विश्वविद्यालय, कॉलेज, अस्पताल, स्कूल आदि हैं।

ओबीसी समुदाय से आने वाले बालकनाथ ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया कि उनके पास 45 हजार रुपये नकद हैं जबकि बैंकों में कुल जमा राशि 13,79,558 रुपये है।

महंत बालकनाथ के बारे में 

महंत बालकनाथ का जन्म साल 1984 में राजस्थान के अलवर जिले के कोहराणा गांव में हुआ था। उनके पिता सुभाष यादव एक किसान थे जबकि उनकी मां उर्मीला देवी एक गृहिणी थीं। बालकनाथ अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। 6 वर्ष की आयु में उनके परिवार ने उन्हें आध्यात्मिक अध्ययन के लिए महंत खेतानाथ के पास भेज दिया। महंत खेतानाथ के बाद वह महंत चांदनाथ के साथ रहने लगे। महंत चांदनाथ ने वर्ष 2016 में उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना।

बालकनाथ नाथ संप्रदाय के आठवें संत हैं और योगी बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। बालकनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। योगी भी नाथ संप्रदाय से हैं और नाथ संप्रदाय के मुताबिक योगी इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालकनाथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

बालकनाथ राजनीति में पहली बार तब सुर्खियों में आए जब बीजेपी ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव राजस्थान के अलवर से लड़ा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया।

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