KNEWS DESK – राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शनिवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में, भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के समय बनाए गए 20 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। इस निर्णय के बाद, राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग होंगे।
समाप्त किए गए 9 जिले और 3 संभाग
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार के इस फैसले से प्रभावित जिलों में दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर शामिल हैं। इन जिलों के प्रशासनिक निर्माण को अब समाप्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में बनाए गए तीन नए संभागों – बांसवाड़ा, सीकर और पाली – को भी समाप्त कर दिया गया है।
हालांकि, कुछ जिलों को यथावत रखा गया है। जिन जिलों को अब भी बने रहने की स्वीकृति मिली है, उनमें बालोतरा, व्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूम्बर शामिल हैं।
राज्य में 41 जिले और 7 संभाग
कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने इस निर्णय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पटेल ने बताया कि राजस्थान का गठन 1956 में हुआ था, और तब राज्य में सिर्फ 26 जिले थे। बाद में, गहलोत सरकार के दौरान 17 नए जिले और 3 संभाग बनाए गए थे। लेकिन अब, राज्य कैबिनेट ने इन जिलों और संभागों को समाप्त करने का निर्णय लिया है, क्योंकि इन्हें व्यवहारिक दृष्टिकोण से सही नहीं माना गया। अब राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले होंगे।
ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन और रोजगार योजनाएं
कैबिनेट की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने घोषणा की कि राज्य की ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने यह भी कहा कि इस वर्ष एक लाख बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को जोड़ने का निर्णय भी लिया है। इसके अलावा, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के स्कोर को अब तीन वर्षों तक मान्यता दी जाएगी, जबकि पहले इसे केवल एक वर्ष तक ही मान्य किया जाता था।