KNEWSDESK- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए रविवार को जातिगत आधारित सर्वे कराने को लेकर जानकारी साझा की । उन्होंने रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी के संकल्प पारित करने के बारे में बताया। इस दौरान केंद्र सरकार पर जातिगत जनगणना नहीं कराने का आरोप लगाया। आपको बता दें कि, राजस्थान में आज चुनाव की तारिखों की घोषणा हुई । इसका मतलब है कि, आज से आचार संहिता लग गई है। इससे पहले शनिवार रात को सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता विभाग ने जातिगत सर्वे के आदेश जारी कर दिए । इसके बाद, रविवार दोपहर को , मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर जातिगत सर्वे कराने को लेकर जानकारी दी। अब मुख्यमंत्री के जातिगत सर्वे कराने के फैसले को चुनाव के पहले का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है।
सामाजिक न्याय हेतु नया अध्याय !
वंचितों की विरोधी केंद्र सरकार लगातार जातिगत जनगणना से किनारा कर रही है जिससे सामाजिक न्याय की अवधारणा अवरुद्ध हो रही है इसलिए प्रदेश सरकार ने हर जरूरतमंद तक उनके हक का लाभ पहुंचाने के लिए अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का निर्णय…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 8, 2023
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा कि, रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी ने संकल्प पारित किया था कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दशकीय जनगणना के साथ – साथ एक सामाजिक – आर्थिक जाति जनगणना करने के लिए प्रतिबद्ध है। राहुल गांधी की सामाजिक न्याय की सोच को लागू करने के लिए पिछड़े वर्गो की स्थिति का आंकलन बेहत आवश्यक है । यह ऐतिहासिक कदम सामाजिक न्याय में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
केंद्र सरकार लगातार जातिगत जनगणना से किनारा कर रही
मुख्यमंत्री ने लिखा कि, वंचितों की विरोधी केंद्र सरकार लगातार जातिगत जनगणना से किनारा कर रही है जिससे सामाजिक न्याय की अवधारणा अवरुद्ध हो रही है, इसलिए प्रदेश सरकार ने हर जरुरतमंद तक उनके हक का लाभ पहुंचाने के लिए अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। इसके आंकड़ो के आधार पर विभिन्न वर्गो की आवश्यकता अनुरूप योजनाएं बनाई जा सेकेंगी ।