Knews Desk, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने होटल शिवालिक व्यू में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जिसमें नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 (महिला आरक्षण अधिनियम) के संदर्भ में राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा की गई। इस अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी उद्देश्य के तहत पंजाब सरकार ने जेंडर बजट लागू किया है। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार जेंडर आधारित असमानता को खत्म करने और संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए जेंडर बजट पेश किया गया है।
डॉ. बलजीत कौर ने आगे बताया कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि जब भी अवसर मिला है, महिलाओं ने हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, चाहे वह खेल हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों, पुलिस हो या सेना हो। उन्होंने कहा कि महिलाएं हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ती रही हैं। अब महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 50% आरक्षण का अधिकार है और संसद में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का कानून लागू किया जा रहा है।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी कहा कि महिलाओं के मताधिकार के लिए संघर्ष, जो 1900 के दशक के प्रारंभ में शुरू हुआ, एक राष्ट्रीय आंदोलन में तब्दील हो गया। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद 1950 में भारतीय संविधान ने पुरुषों और महिलाओं दोनों को मतदान का अधिकार दिया। इन बदलावों के परिणामस्वरूप भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ रही है, हालांकि अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। डॉ. बलजीत कौर ने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि पुरुष प्रधान सामाजिक ढांचे, भेदभाव, अशिक्षा, वित्तीय चुनौतियों, सांस्कृतिक और सामाजिक बाधाओं के बावजूद महिलाओं ने राजनीतिक क्षेत्र में अपना स्थान स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि यह उत्साहजनक है कि सरकार अब महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों के लिए अधिनियम लागू कर रही है। उन्होंने युवा महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की सलाह देते हुए कहा कि सफलता केवल दृढ़ता से ही मिलती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चाहे कितनी भी चुनौतियों का सामना करना पड़े, महिलाएं अपने दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल कर सकती हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि यह कार्यक्रम महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।