2014 बैच की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. प्रीति यादव ने संभाला पटियाला डीसी का पदभार

Knews Desk, 2014 बैच की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. प्रीति यादव ने आज पटियाला की नई डिप्टी कमिश्नर का पदभार संभाल लिया है। उन्होंने शौकत अहमद पारे का स्थान लिया, जिन्हें डीसी बठिंडा के रूप में स्थानांतरित किया गया है। डॉ. प्रीति यादव ने अपना पद संभालने के बाद कहा कि पटियाला जिला उनके लिए नया नहीं है, क्योंकि वह पहले भी यहां एडीसी के रूप में काम कर चुकी हैं और वह इस जिले से अच्छी तरह वाकिफ हैं। डॉ. यादव ने कहा कि अब जब उन्हें फिर से पटियाला की सेवा करने का मौका मिला है, तो उनकी मुख्य प्राथमिकता मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों और लोगों की मांगों को समझकर जिले का विकास करना और पंजाब की सभी योजनाओं को लागू करना होगा। सरकार को निचले स्तर पर लोगों को लाभ पहुंचाना चाहिए।

डॉ. प्रीति यादव ने जिलेवासियों को जिले में और सुधार के लिए अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया, ताकि जिले को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। उन्होंने कहा कि शहर के सुधार के लिए सुझाव डिप्टी कमिश्नर कार्यालय की ई-मेल dc.ptl@punjab.gov.in पर भेजे जा सकते हैं, वे स्वयं अपनी ई-मेल जांचें और प्राप्त सुझावों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई परेशानी है या किसी सरकारी कार्यालय से संबंधित कोई समस्या है तो उसके समाधान के लिए उनका कार्यालय लोगों के लिए हमेशा खुला है।

डॉ. प्रीति यादव ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब सरकार ने राज्य को हरा-भरा बनाकर अपने बहुआयामी विकास की योजना बनाई है, ताकि बढ़ते तापमान को भी कम किया जा सके। इसलिए विकास के साथ-साथ मौजूदा हरियाली को बचाने और अधिक से अधिक पेड़ लगाने में योगदान देने के लिए प्रत्येक नागरिक को आगे आना चाहिए। इससे पहले जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में नई डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव के आगमन पर पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देकर सलामी दी।

इस दौरान उपायुक्त कार्यालय के सभी शाखाओं के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पद छोड़ रहे शौकत अहमद पारे को भावभीनी विदाई दी एवं नये उपायुक्त के रूप में पदभार ग्रहण करने वाली डॉ. प्रीति यादव का स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि पीजीआईएमएस रोहतक से डेंटल में स्नातक डॉ. प्रीति यादव काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और त्वरित निर्णय लेने के साथ-साथ आम जनता, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति अपने सहानुभूतिपूर्ण रवैये के लिए जानी जाती हैं। वह किसानों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर पराली न जलाने और जमीनी स्तर पर लोगों के साथ सीधे काम करने के लिए प्रोत्साहित करना भी पसंद करते हैं।

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