पंजाब के जल संसाधन और खनन एवं भूविज्ञान मंत्री ने विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ की पहली बैठक

पंजाब- पंजाब के जल संसाधन और खनन एवं भूविज्ञान मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज जल संसाधन और खनन एवं भूविज्ञान विभाग के सभी अधिकारियों के साथ पहली बैठक के दौरान निगरानी प्रणाली को मजबूत करने, संपत्तियों को अवैध कब्जे से बचाने और उनके रखरखाव और भूमिगत जल की बर्बादी को रोकने के निर्देश दिए।मार्कफेड भवन के समिति कक्ष में बैठक की अध्यक्षता करते हुए जौड़ामाजरा ने विकास कार्यों में अधिक पारदर्शिता पर जोर दिया और कहा कि विकास कार्यों सहित विभाग के उपकरणों की खरीद-फरोख्त में गुणवत्ता की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अधिकारी और अधिक पारदर्शिता और तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी विभाग की सम्पत्तियों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने तथा इन सम्पत्तियों का रख-रखाव करने का प्रयास करें ताकि विभाग की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने एक माह के भीतर विभाग की संपत्तियों के बारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया और कहा कि सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

जल संसाधन मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से नहर विभाग की नहरों पर किये गये अवैध कब्जे हटाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी एक प्रस्ताव तैयार करें और रबी सीजन के दौरान जमीनें खाली होने पर इन खाली जमीनों का पुन: संचालन करें। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि विभाग की खाली जमीनों का उपयोग वाटर रिचार्जिंग परियोजनाओं में किया जाये। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जल स्रोतों की सफाई यथासंभव मनरेगा के तहत करायी जाये।

मंत्री ने कहा कि नहरों, नदियों और खड्डों की सफाई के कार्यों के लिए ठेकेदारों की जिम्मेदारी तय की जाए और अधिकारी स्वयं मौके पर खड़े होकर इन कार्यों को अंजाम दें।

उन्होंने कहा कि हाल की बाढ़ के दौरान उबड़-खाबड़ नदियों को पाटने की परियोजनाएं, जिनमें निचले पुलों को ऊंचा करने की परियोजनाएं भी शामिल हैं, तैयार की जानी चाहिए ताकि पानी ओवरफ्लो न हो सके। कैबिनेट मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि सुई धागाकरण और आवश्यक स्थानों पर साइफन बनाने संबंधी मांगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। जोड़माजरा ने विभाग में लंबित केसों की सूची एक सप्ताह के भीतर जमा करने के निर्देश दिए और केसों का समय पर निपटारा करने को कहा।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में मामले को लंबित रखने का कारण बताया जाये। उन्होंने भविष्य में भी समयबद्ध तरीके से विकास कार्य कराने के निर्देश दिये। जल संसाधन मंत्री ने विभाग में प्रभावी निगरानी प्रणाली पर जोर देते हुए कहा कि विभाग के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए मॉनिटरिंग सेल को मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भूजल की बर्बादी रोकने के लिए अधिकारी नहरी पानी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हर खेत और टेल तक नहरी पानी पहुंचाया जाए, ताकि पंजाब में सिंचाई के लिए ट्यूबवेलों पर निर्भरता कम हो सके।

कैबिनेट मंत्री जौड़ामाजरा ने सभी अधिकारियों को फील्ड में जाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग द्वारा कार्य करवाने में किसी भी किसान को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए तथा खेतों में पानी के लिए उपयोग किए जाने वाले मोघे का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जाए। बैठक के दौरान विभाग के सचिव श्री कृष्ण कुमार ने विभाग की संरचना एवं गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग उनके विचारों को क्रियान्वित करने के लिए दिन-रात काम करेगा।

सस्ती रेत-बजरी उपलब्ध कराने और अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनिज निकासी बढ़ाने के निर्देश दिए गए। जौड़ामाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार, निवासियों को रेत और बजरी उपलब्ध कराने के लिए निकासी बढ़ाने की योजना बनाई जानी चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) में अधिक संभावित स्थलों को शामिल करके खनिजों के निष्कर्षण को बढ़ाने और सभी खनन स्थलों पर संचालन शुरू करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस कदम से बाजार में रेत में वृद्धि होगी। बजरी की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे जहां बाजार में कीमतें कम करने में मदद मिलेगी, वहीं अवैध खनन पर भी अंकुश लगेगा। कैबिनेट मंत्री ने विभाग की कार्यकुशलता बढ़ाने और जन-अनुकूल सेवाएं सुचारु रूप से प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी जिला खनन अधिकारियों को लोगों की समस्याओं को बिना किसी देरी के तुरंत हल करने का निर्देश दिया।

जौड़ामाजरा ने सख्त लहजे में कहा कि सभी जिला खनन अधिकारी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चूंकि पंजाब सरकार खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और नैतिक प्रथाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अवैध गतिविधियों में शामिल पाए गए किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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