KNEWS DESK, पंजाब में धान की खरीद शुरू न होने से किसानों, आढ़तियों और शेलर मालिकों में भारी नाराजगी है। किसानों ने 13 अक्टूबर को पंजाब की सभी सड़कों पर तीन घंटे के लिए यातायात बंद करने का निर्णय लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है।
किसान संगठनों की शुक्रवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता, तो दिल्ली आंदोलन की तर्ज पर नया आंदोलन शुरू किया जाएगा। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि सरकार को कृषि संकट को गंभीरता से लेना चाहिए अन्यथा न केवल कृषि बल्कि इससे जुड़े सभी व्यवसाय भी प्रभावित होंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकारी नीति के तहत एक यूनियन को बैठक के लिए बुलाया गया जबकि अन्य को नजरअंदाज किया गया। यह किसानों के एकजुटता के प्रयासों को कमजोर करने का एक प्रयास है। राजेवाल ने कहा, “जब देश में अनाज का संकट था तब पंजाब ने भंडार भरे थे। अब धान की खरीद में देरी हो रही है।”
किसानों का कहना है कि मंडियों में लाए जाने वाले धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण खरीद में देरी हो रही है। इसके अलावा पीआर 126 हाइब्रिड धान की गुणवत्ता में कमी के चलते भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। आढ़ती एसोसिएशन के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आढ़त को समाप्त करने की कोशिश कर रही है।
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