Knews Desk, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ प्री-प्राइमरी बच्चों के विकास और विभिन्न विभागीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक के दौरान डॉ. बलजीत कौर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों की बातें सुनीं। उनकी मुख्य मांगों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-नर्सरी शिक्षकों का दर्जा देना और 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को, जिन्हें 2017 में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया था, आंगनवाड़ी केंद्रों में वापस भेजना शामिल था। सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री ने आंगनवाड़ी यूनियनों की मांगों पर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की।
मंत्री ने यूनियन सदस्यों को भरोसा दिलाया कि उनकी हर जायज मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि 0-6 साल की उम्र हर बच्चे के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस समय उन्हें शारीरिक, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, जो उनके भविष्य की नींव रखती है। इसलिए उन्होंने विभाग को जिला स्तर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी (प्राइमरी) और जिला कार्यक्रम अधिकारियों की समितियां बनाने का निर्देश दिया। ये समितियां अपने-अपने जिलों में आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा करेंगी और उनकी बुनियादी जरूरतों के बारे में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करेंगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि सरकार जहां समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रयासरत है, वहीं बच्चों के विकास के लिए भी लगातार काम कर रही है। मीटिंग में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की विशेष मुख्य सचिव श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तव, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव श्री कमल किशोर यादव, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरैक्टर डॉ. शेना अग्रवाल और अन्य सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।