Knews Desk, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि नशे के खिलाफ राज्य सरकार के अभियान में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना सबसे प्रभावी उपकरण हो सकता है। नगर भवन में आयोजित एशियाई और राष्ट्रीय खेलों में 168 पदक विजेता खिलाड़ियों को 33.83 करोड़ रुपये वितरित करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के साथ युवाओं की असीमित ऊर्जा का उपयोग उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो युवा खेलों में शामिल हैं, उनके पास नशे की ओर देखने का भी समय नहीं है। क्योंकि वे अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
भगवंत सिंह मान ने कल्पना की कि इससे राज्य से नशे के अभिशाप को खत्म करने और युवाओं को राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास में बराबर का भागीदार बनाने में काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की प्रगति और जनता के कल्याण के लिए एक-एक पैसा सोच-समझकर खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनता के पैसे की चोरी पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया है और अब यह पैसा आम आदमी के कल्याण के लिए खर्च किया जा रहा है।
खिलाड़ियों को दी बधाई
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार का एकमात्र उद्देश्य राज्य की प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में उनकी दुर्लभ उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। इस समारोह के लिए खिलाड़ी यहां जुटे हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। क्योंकि अब राज्य में खुशियां मनाने के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब हर हफ्ते राज्य भर में ऐसे समारोह आयोजित किए जा रहे हैं और वह इस समय राज्य का नेतृत्व करने के लिए भाग्यशाली हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों ने इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि मौका मिलने पर वे अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबी जन्मजात उद्यमी और नेता हैं, जिसके कारण उन्होंने दुनिया भर में अपनी योग्यता साबित की है।
विपक्ष को लिया आड़े हाथों
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को उनके तुच्छ बयानों के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हर कोई पंजाब को बचाना चाहता है लेकिन एक बता रहा है कि राज्य को किसने बर्बाद किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 20 महीने पहले ही सत्ता संभाली है। लेकिन इन लोगों और परिवारों ने लंबे समय तक राज्य पर शासन किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन लोगों ने आम आदमी और प्रदेश को बेरहमी से लूटा है। लेकिन अब ऐसे बयानों से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये नेता हमेशा यह दावा करते हैं कि वे अपने तथाकथित ‘हाईकमान’ नेताओं के कोटे से हैं, लेकिन यह सच है कि वह पंजाबियों के कोटे से राज्य के मुखिया के रूप में चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके हर कार्य का उद्देश्य लोगों की भलाई और राज्य का विकास है और इसके लिए कभी कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा बल किया लॉन्च
भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनके कार्य शहीद भगत सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा और अन्य जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा निर्देशित हैं, जो उन्हें हमेशा राज्य के लोगों के लिए अथक और निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आम आदमी के कल्याण के लिए अग्रणी पहल की है, जिससे एक तरफ राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु दर को रोका जा सके और दूसरी तरफ राज्य की सड़कों पर यातायात की आवाजाही को सुव्यवस्थित किया जा सके। राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा बल लॉन्च किया है। उन्होंने कहा कि अपनी तरह का पहला विशेष बल पंजाब में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में खो जाने वाली कई बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस बल को रैश ड्राइविंग को रोकने, सड़कों पर वाहनों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्य कार्य सौंपे जाएंगे, इससे पुलिस स्टेशनों में तैनात पुलिस पर बोझ कम हो जाएगा।
पहले चरण में की जायेगी 1300 पुलिसकर्मियों की भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशेष बल के लिए पहले चरण में 1300 पुलिसकर्मियों की भर्ती की जायेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में सड़कों पर निगरानी के लिए हर 30 किलोमीटर पर अत्याधुनिक उपकरणों से लैस 144 वाहन तैनात किए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि वाहनों में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को आपातकालीन उपचार प्रदान करने के लिए एक संपूर्ण मेडिकल किट भी होगी, जिससे सालाना 2500 से अधिक लोगों की कीमती जान बचाई जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी कंपनी जीवीके पावर के स्वामित्व वाले गोइंदवाल बिजली संयंत्र को 1080 करोड़ रुपये की लागत से खरीदकर राज्य ने इतिहास रचा है।
उन्होंने कहा कि पहली बार यह उलटा चलन शुरू हुआ है कि सरकार ने किसी निजी बिजली संयंत्र को खरीद लिया है, जबकि पहले राज्य सरकारें अपनी संपत्ति चहेते लोगों को औने-पौने दाम पर बेच देती थीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह राज्यवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम है।