मुख्य सचिव ने राज्य में डायरिया फैलने से रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को पूरी तरह तैयार रहने के दिए निर्देश

Knews Desk, राज्य के कुछ शहरों में डायरिया के फैलाव को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने आज राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ एक आपातकालीन बैठक की। बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, नगर निगम कमिश्नर, ए.डी.सीज (शहरी विकास), एक्सियन, ईओज और सिविल सर्जन भी उपस्थित थे। अनुराग वर्मा ने कहा कि मुख्य मंत्री स.भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सभी नगर निगमों और नगर परिषदें अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में लोगों के पीने के लिए उपलब्ध पानी 100 प्रतिशत स्वच्छ होना सुनिश्चित बनाएं जो पूरी तरह से प्रदूषण से मुक्त हो। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों, नगर निगम कमिश्नरों और कार्यकारी अधिकारियों (ई.ओज) को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आते संवेदनशील और झुग्गी-झोंपड़ी वाले इलाकों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जहां भी पेयजल दूषित होने की आशंका हो, तत्काल कदम उठाए जाएं। श्री वर्मा ने स्थानीय निकाय विभाग के सचिव को निर्देश दिए कि वे सभी कमिश्नरों एवं ई.ओज से सर्टिफिकेट लें कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में पूर्णतः प्रदूषण मुक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। वर्मा ने प्रधान सचिव, जल आपूर्ति एवं सैनिटेशन को ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही प्रथा अपनाने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी एक्सियन और एसडीओ को व्यक्तिगत रूप से सभी गांवों और विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करने के निर्देश दिए जाएं। उन्होंने प्रधान सचिव जल आपूर्ति एवं सैनिटेशन को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी क्षेत्रों में प्रदूषण रहित स्वच्छ पानी की आपूर्ति के संबंध में सभी एक्सियनों और एसडीओ से प्रमाण पत्र प्राप्त करें।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार अनुराग वर्मा ने सचिव स्वास्थ्य को पानी के नमूनों की संख्या दोगुनी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में झुग्गी-झोंपड़ियों और संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। किसी भी नमूने के विफल होने की स्थिति में मामले की सूचना तुरंत संबंधित डिप्टी कमिश्नर को दी जानी चाहिए, जो उस क्षेत्र में जल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे इलाकों में तत्काल टैंकरों के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन की गोलियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

वर्मा ने स्वास्थ्य सचिव को अब तक बीमार व्यक्तियों का निःशुल्क एवं समुचित इलाज सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को प्रतिदिन स्थिति की निगरानी करने और उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने साफ कहा कि इस संबंध में किसी की भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में वित्त कमिश्नर ग्रामीण विकास एवं पंचायत आलोक शेखर, प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं सैनिटेशन नीलकंठ एस अवहाड, सचिव स्वास्थ्य डाॅ. अभिनव, सचिव स्थानीय निकाय रवि भगत और निदेशक स्थानीय निकाय उमा शंकर गुप्ता उपस्थित थे।

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