पंजाब सरकार का बड़ा कदम, खेलों में राजनेता और रिश्तेदार एसोसिएशन से होंगे बाहर

पंजाब- नई खेल नीति जारी करने के बाद अब माननीय सरकार खेल संघों से राजनीतिक हस्तक्षेप को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी में है। इसके लिए खेल मंत्रालय ने एक खास नीति तैयार की है। मौजूदा खेल संघों को भंग कर दिया जाएगा और पदाधिकारियों के चुनाव से पहले एक खेल कोड तैयार किया जा रहा है। इस कोड में एसोसिएशनों के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में विशेष गाइड लाइन तैयार की जाएंगी जिसमें राजनीतिक नेताओं को एसोसिएशन से बाहर रखा जाएगा। एसोसिएशन में उन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों को रखा जाएगा। जिन्होंने पंजाब और देश के लिए खेलों में अहम योगदान दिया है।

इतना ही नहीं, मान सरकार खेल संघों के पदों के लिए आयु सीमा भी तय करेगी, ताकि खेल संघों को खेल परिणामों के मामले में मजबूत बनाया जा सके। बताया जा रहा है कि खेल कोड इस तरह तैयार किया जाएगा कि राजनीतिक नेता अलग-अलग खेल संघों का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इतना ही नहीं, खेल विभाग इस बात की भी तैयारी कर रहा है कि खेल संघों में परोक्ष रूप से भी कोई राजनीतिक हस्तक्षेप न हो। दूसरे शब्दों में, राजनेता अपने रिश्तेदारों के माध्यम से खेल संघों पर अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण नहीं कर पाएंगे। होता यह था कि राजनेता अपने रुतबे का फायदा उठाकर खुद को या अपने रिश्तेदारों को खेल संघों के महत्वपूर्ण पदों पर बिठा देते थे, जिससे खिलाड़ियों के साथ-साथ खेल को भी नुकसान होता था।

खेल के बारे में समझ की कमी के कारण खेल के लिए कोई ठोस नीति और योजना तैयार नहीं की गई। खेल प्रतियोगिताओं के चयन के दौरान खिलाड़ियों पर भेदभाव का भी आरोप लगाया गया। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कुछ समय पहले स्पोर्ट्स कोड लागू किया है, जिसका मकसद खेल संघों पर वर्षों से कब्जा जमाए बैठे लोगों को हटाना और पारदर्शिता लाना था। पंजाब सरकार भी इसी स्पोर्ट्स कोड की तर्ज पर इसे पंजाब में भी लागू करने जा रही है। केंद्र सरकार ने पंजाब समेत सभी सरकारों को निर्देश दिया था कि वे अपने राज्यों में स्पोर्ट्स कोड लागू करें ताकि खेलों को बढ़ावा मिल सके।

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