KNEWS DESK, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दशहरे की शाम एक गंभीर घटना हुई, जिसने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की बांद्रा में उनके कार्यालय के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना उस समय हुई जब विजयादशमी का उत्सव मनाया जा रहा था और पटाखों की गूंज के बीच अपराधियों ने शोर का फायदा उठाते हुए इस वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। गिरफ्तार किए गए पहले दो आरोपियों की पहचान गुरमैल बलजीत सिंह (हरियाणा) और धर्मराज कश्यप (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। वहीं, तीसरा शूटर शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम उत्तर प्रदेश के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव का निवासी है और वह अभी तक फरार है। बता दें कि धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम पुणे में मजदूरी का काम करते थे। मुंबई पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे मुंबई कैसे पहुंचे और इस हत्या में कैसे शामिल हुए। पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस से संपर्क करके पकड़े गए शूटरों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की है।
सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक शूटर को इस हत्या को अंजाम देने के लिए 50,000 रुपये दिए गए थे। जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस हत्या के पीछे कोई बड़े स्तर का षड्यंत्र हो सकता है। हालांकि इस पूरे मामले के पीछे के मुख्य हैंडलर की पहचान अभी बाकी है। वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या ने न केवल राजनीतिक हलचलों को बढ़ावा दिया है बल्कि सुरक्षा को लेकर भी गंभीर प्रश्न उठाए हैं। पुलिस की जांच अभी जारी है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। मुंबई के नागरिक और राजनीतिक नेता इस घटना की निंदा कर रहे हैं और सुरक्षा में सुधार की मांग कर रहे हैं।
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