यह शरीर में पोषक तत्वों की कमी का एक इशारा हो सकता है, विशेष रूप से विटामिन D की। सर्दियों में जब सूरज की रोशनी कम मिलती है, तो विटामिन D का स्तर गिर सकता है, जो हमारी त्वचा और पूरे स्वास्थ्य पर असर डालता है।
विटामिन D और इसकी कमी के लक्षण
विटामिन D को “धूप का विटामिन” भी कहा जाता है क्योंकि इसे शरीर में बनाने के लिए सूरज की रोशनी की आवश्यकता होती है। सर्दियों में जब सूरज की रोशनी कम होती है, तो हमारा शरीर इस महत्वपूर्ण विटामिन का उत्पादन कम कर सकता है। इसके कारण कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें गालों का लाल होना, त्वचा का रूखा होना, और ठंड में त्वचा का ज्यादा संवेदनशील होना प्रमुख हैं। यदि आप धूप में बैठने के बाद गालों में लालिमा महसूस करते हैं या त्वचा में बदलाव पाते हैं, तो यह विटामिन D की कमी का संकेत हो सकता है।
विटामिन D का सबसे अच्छा स्रोत
विटामिन D प्राप्त करने का सबसे स्वाभाविक और प्रभावी तरीका सूरज की रोशनी है। जब हमारी त्वचा सूरज की रोशनी के संपर्क में आती है, तो यह विटामिन D में बदल जाती है। इसलिए, रोज़ कम से कम 10-20 मिनट धूप में बैठना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर सर्दियों में जब सूरज की रोशनी कम होती है।
विटामिन D के स्रोतों को डाइट में करें शामिल
सिर्फ धूप से ही विटामिन D प्राप्त करना संभव नहीं होता, इसलिए अपनी डाइट में विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना भी महत्वपूर्ण है। जैसे- मछली, अंडे, दूध, पनीर, दही, फोर्टिफाइड सोया मिल्क और ओट्स व संतरे का जूस शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करके आप विटामिन D के स्तर को बनाए रख सकते हैं और इससे जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
विटामिन D का सही अवशोषण और आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल बेहद जरूरी है। यह न केवल आपके शरीर को विटामिन D को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है, बल्कि आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखता है। इसके लिए अच्छी नींद लें। स्ट्रेस को कम करें और मानसिक संतुलन बनाए रखें। साथ ही नियमित शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।