चैत्र नवरात्रि होगी कल से प्रारंभ, इन 10 उपायों से पूरे वर्ष बरसेगी माँ की कृपा

SHIV SHANKAR SAVITA- चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ कल यानी 30 मार्च से हो रहा है। चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ होने से पूर्व मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी तैयारियां हो गई है साथ ही मंदिरों में लगने वाले मेले भी अपनी तैयारियों के अंतिम पड़ाव में है। इस चैत्र नवरात्रि में माँ को प्रसन्न करने के उपायों को लेकर K NEWS INDIA आपके समक्ष उपस्थित हैं जहां चैत्र नवरात्रि के मुर्हूत, पूजन के तरीके, माँ को प्रसन्न रखने के उपाय, सावधानियाँ आदि पर चर्चा की जा रही है-

ये है शुभ मुर्हूत

पंचांग के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार 30 मार्च 2025 से होगी और समापन शुक्रवार6 अप्रैल 2025 होगा। 30 मार्च को पहला मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 10:46 मिनट तक है। दूसरा शुभ मुहूर्त 30 मार्च को दोपहर में 12:13 मिनट से दोपहर 12:56 मिनट तक है।

कौन सा दिन किस देवी को समर्पित

 30 मार्च मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

31 मार्च ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।

1 अप्रैल मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।

2 अप्रैल मां कुष्मांडा और स्कंदमाता की पूजा की जाती है।

3 अप्रैल कात्यायनी मां की पूजा की जाती है।

4 अप्रैल कालरात्रि की पूजा की जाती है।

5 अप्रैल महागौरी की पूजा की जाती है।

6 अप्रैल सिद्धिदात्री मां की पूजा की जाती है और रामनवमी का आयोजन

(नवरात्रि व्रत का प्रारण 7 अप्रैल को प्रातःकाल 7 बजे के पहले करना शुभ रहेगा।)

माँ के सभी नौ रूप

इन 10 उपायों से पूरे वर्ष बरसेगी माँ की कृपा

आचार्य  एस.के. पांडेय ने बताया कि इस चैत्र नवरात्रि में माँ की विशेष कृपा रहती है और जो भी भक्त सच्चे मन से माँ की आराधना करता है उसकी इच्छा माँ हमेशा पूरी करती है। आचार्य एस.के. पांडेय के अनुसार इन 10 उपायों को नवरात्रि के दिन सभी भक्तों को अवश्य करना चाहिए। इन उपायों को करने से पूरे वर्ष माँ की कृपा बरसती है।

आचार्य एस.के. पांडेय

1- पूजा स्थल पर भगवती दुर्गा, लक्ष्मी, और सरस्वती की मूर्तियां स्थापित करें और उन्हें फूलों से सजाएं।

2- नौ दिनों तक व्रत रखें।

3- नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक माता के नाम की अखंड ज्योत जलाएं।

4- देवी को लौंग चढ़ाएं।

5- देवी को मिश्री का भोग लगाएं।

6- देवी को लाल वस्त्र की छोटी सी ध्वजा चढ़ाएं।

7- देवी को मेहंदी और कुमकुम चढ़ाएं।

8- देवी को चुनरी और सूखे मेवे चढ़ाएं।

9- देवी को हरसिंगार का पौधा लगाएं।

10- देवी को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा जी के मंत्र का जप करें।

इस मंत्र के जाप से होती हैं माँ प्रसन्न

आचार्य एस.के. पांडेय के अनुसार नवरात्रि में माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जाप किया जाता है। इनमें से एक शक्तिशाली और लोकप्रिय मंत्र है-

ॐ हृीं दुं दुर्गायै नमः

इस मंत्र का अर्थ है “मैं माँ दुर्गा को नमस्कार करता/करती हूँ, जो सभी संकटों को दूर करने वाली हैं।” “दुं” बीज मंत्र माँ दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों को सुरक्षा और आशीर्वाद प्रदान करता है

जाप विधि

  • नवरात्रि के दौरान सुबह या शाम के समय शुद्ध मन से माँ दुर्गा के समक्ष बैठें।
  • दीपक जलाएं, धूप करें और फूल अर्पित करें।
  • इस मंत्र का 108 बार जाप करें, माला का उपयोग करके।
  • मन में माँ के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।
इसके अलावा, आप दुर्गा सप्तशती के मंत्र जैसे “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता” भी जप सकते हैं। अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ यह मंत्र माँ को प्रसन्न करने में सहायक होगा।

चैत्र नवरात्रि के समय किन-किन सावधानियों का रखना चाहिए ध्यान

आचार्य एस.के. पांडेय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के समय हमें चाहिए कि हम रोजाना स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को भी स्वच्छ रखें। अपने आपको क्रोध, नकारात्मक विचारों और झगड़े से बचाएं। अपने मन को शांत और भक्ति में केंद्रित रखें। नवरात्रि में पूरे परिवार को तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।  हमें हमेशा सात्विक भोजन सेंधा नमक, फल, साबूदाना, कुट्टू का आटा, दूध और दही जैसे सात्विक भोजन ही करने चाहिए। शराब और तंबाकू का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान बाल कटवाने या नाखून काटने से परहेज करें। पूजा और मंत्र जाप के लिए निर्धारित समय का पालन करें, खासकर सुबह और शाम को। मंत्रों का सही उच्चारण करें, अगर संदेह हो तो किसी जानकार से सीख लें। माँ की प्रतिमा या चित्र को सही स्थान पर रखें और उसका अपमान न करें। दिन में सोने से बचें, खासकर व्रत के दौरान, ताकि तामसिकता न बढ़े।

 

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