करप्शन का ट्विन टावर ध्वस्त

नोएडा : आसमान से जमीन देखने का एक हसीन ख्वाब था लेकिन  भ्रष्टाचार के आशियाने को एक धमाके ने  धुआं बनाकर फिजाओं में गुम कर  दिया  पलक झपकते ही  सुपरटेक (Supertech) कंपनी  के  गगन से बात करते ट्विन टॉवर ‘एपेक्स और सियान’ मिट्टी में  मिल गए

दोनों टॉवरों (Twin Tower) को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। धमाके से आसपास की सोसाइटियों  के कई घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। गगनचुंबी इमारतों के गिरते ही लगा, जैसे भूकंप आ गया। तेज आवाज और धूल के गुबार को देखकर एक बारगी महसूस हुआ, जैसे पूरा इलाका ही मिट्टी में मिल गया।एहतियातन अभी वहां पर किसी को जाने की इजाज़त नहीं है लेकिन जिस तरह से बड़े ही सुरक्षित तरीके से इस गगनचुम्बी इमारत को गिराया गया वह कबीले तारीफ़ है. जानकारी के मुताबिक अभी इस इमारत के पास सबसे पहले वह टीम पहुंचेगी जिसने इतनी सफाई से इस ईमारत को गिराने की योजना तैयार की है, टीम पहले वहां पर जाकर आसपास की इमारतों का जायज़ा लेगी कि इस ध्वस्तीकरण से दूसरे टॉवरों को तो कोई नुक्सान तो नहीं पहुंचा है

 

करप्शन की इमारत बनने की कहानी

इमारत को बनने में 13 साल लगे

करीब डेढ़ दशक पहले भ्रष्टाचार के इस आशियाने के बनने की कहानी की शुरुआत

इस परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक (Supertech) कंपनी को आवंटित किया 

84,273 वर्गमीटर भूमि पर निर्माण कार्य शुरू हुआ 

साल 2005 मार्च के महीने में इसकी लीज डीड हुई

 लैंड की पैमाइश में घोर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया’

बिल्डिंग के मैप के हिसाब से वहां पर ग्रीन पार्क एरिया दर्शाया गया 

 फ्लैट बुक करने वालों ने आरोप लगाए बिना उन्हें बताए ही सुपरटेक ने इमारत का नक्शा चेंज कर दिया

फ्लैट्स खरीदने वाले चार लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में साल 2012 में याचिका दायर की  

साल 2014 में अदालत ने ट्विन टावर को अवैध बताकर इसे गिराने का आदेश दिया

हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुपरटेक कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया 

लंबी जदोजहद के बाद  वहां भी उसे राहत नहीं मिली

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में इस बिल्डिंग को गिराने का निर्देश दिया.   

करीब 10 साल पहले उदय भान सिंह तेवतिया, एस के शर्मा, एम के जैन और रवि बजाज ने संघर्ष की शुरूआत की

उदयभान सिंह तेवतिया के नेतृत्व में ही ट्विन टावर की लड़ाई लड़ी गई

CISF से रिटायर डीआईजी उदयभान सिंह तेवतिया एमराल्ड कोर्ट रेसिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं   

आरोप था कि नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डर के साथ सांठगाठ करके ट्विन टावर बनाने की इजाजत दी थी 

उदयभान सिंह तेवतिया ने बताया कि हमने साल 2006 में फ्लैट बुक किया और साल 2010 में रहने आए थे

जब फ्लैट बुक किया गया था तो सोसाइटी में 5 स्टार होटल जैसी सुविधा देना का सपना दिखाया गया था’

फ्लैट की कीमत 1 करोड़ से अधिक की थी  ‘

कुछ ही दिन के बाद इसी सोसाइटी के पास में गड्ढा खोदा जाने लगा  

इस बारे में पता करने पर जानकारी मिली कि यहां दो टावर बनेंगे.  

नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से नक्शा मांगने पर देने से इनकार कर दिया 

वहीं, बिल्डर नक्शे को लेकर अथॉरिटी के पास जाने की बात कहते थे 

दोनों की बातों से तंग आकर हमने 4 लोगों की लीगल टीम बनाई  

2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की

हाईकोर्ट से बिल्डिंग  गिराने का आदेश आने पर सुपरटेक (Supertech) कंपनी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गई 

लंबी जदोजहद के बाद भी  28 अगस्त 2022 को  करप्शन का ट्विन टावर ध्वस्त  कर दिया गया 

 देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतनी बड़ी बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया गया

भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार ने एक कड़ा संदेश दिया  है कि अब करप्शन की दुकान चलने की कोई गुंजाईश नहीं है 

 

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