KNEWS DESK, झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सलाहकार सुनील श्रीवास्तव और उनके करीबी लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है। यह छापेमारी रांची और जमशेदपुर सहित राज्य के विभिन्न स्थानों पर एक साथ की गई है। जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने श्रीवास्तव के आवास सहित उनके परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों के 16-17 ठिकानों पर दबिश दी।
आयकर विभाग की यह कार्रवाई कथित तौर पर श्रीवास्तव और उनके करीबी लोगों के बीच संदेहास्पद लेनदेन और संपत्तियों के बारे में जांच से जुड़ी हुई है। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये छापेमारी किसी बड़े वित्तीय घोटाले या अवैध संपत्ति की खोज से संबंधित हो सकती है, लेकिन इस पर औपचारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी
इस छापेमारी के चलते राज्य में राजनीतिक हलचल और बढ़ गई है, खासकर विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत। विपक्षी दलों ने इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर दबाव बनाने की एक रणनीति करार दिया है। भाजपा और अन्य विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह कार्रवाई सत्तारूढ़ दल के खिलाफ चुनावी हथियार के रूप में की जा रही है। वहीं कुछ अन्य लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम के रूप में देख रहे हैं और इसे सरकार के खिलाफ लगातार हो रही आलोचनाओं के मद्देनजर अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान
इस मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अभी तक कोई प्रत्यक्ष बयान सामने नहीं आया है, लेकिन उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव से पहले इस तरह की छापेमारी सत्ता के विरोधियों द्वारा की गई एक सोची-समझी साजिश है।
आयकर विभाग की कार्रवाई पर प्रतिक्रियाएं
आयकर विभाग की छापेमारी के बाद राज्य में राजनीतिक और समाजिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। जहां एक ओर सत्ताधारी पार्टी इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई मान रही है, वहीं विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ एक कड़ी जांच प्रक्रिया के तौर पर देख रहा है।