KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी मजबूत किया। इस दौरान ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर सराहना की और कई मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण को गंभीरता से समझने की कोशिश की। दोनों नेताओं के बीच दोस्ती और सामंजस्य की झलक साफ नजर आई, जिससे दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा मिल सकती है।
गले मिलकर और कुर्सी पर बैठाकर दोस्ती का प्रदर्शन
बैठक के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी को अपनी गहरी दोस्ती का एहसास कराया। उन्होंने पीएम मोदी को विशेष सम्मान देते हुए उन्हें कुर्सी पर बिठाया और गले लगकर कहा, “आपकी बहुत याद आई।” इस स्नेहपूर्ण बर्ताव ने दोनों नेताओं के बीच की मजबूत व्यक्तिगत और कूटनीतिक साझेदारी को और पुख्ता किया।
उपहार के रूप में एक किताब
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को एक उपहार भी दिया – एक किताब, जिसमें पहले पन्ने पर लिखा था, “मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट”। यह शब्द ट्रंप के प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्मान और उनकी कूटनीतिक कुशलता को दर्शाते हैं। यह उपहार केवल एक वस्तु नहीं, बल्कि दोनों नेताओं के बीच की गहरी मित्रता का प्रतीक था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी वार्ता के दौरान उन्हें एक बेहतरीन और कड़े वार्ताकार के रूप में सराहा। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी उनसे कहीं ज्यादा सख्त मोलभाव करने वाले हैं और वह मुझसे कहीं बेहतर वार्ताकार हैं। जब संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप से पूछा गया कि दोनों में से कौन ज्यादा सख्त मोलभाव कर सकता है, तो उन्होंने मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “कोई मुकाबला नहीं है। पीएम मोदी मुझसे कहीं ज्यादा सख्त मोलभाव करने वाले हैं।”
यह टिप्पणी और दोनों नेताओं के बीच की हलचल इस बात को दर्शाती है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और मित्रवत भी हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक, रणनीतिक और राजनीतिक साझेदारी को लेकर इस बैठक में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ, और यह साफ हो गया कि भविष्य में दोनों देश एक साथ मिलकर कई वैश्विक मुद्दों पर काम करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई यह वार्ता भारत-अमेरिका रिश्तों की मजबूती को और भी स्पष्ट करती है। इस सशक्त मित्रता और सहयोग से भविष्य में दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
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