KNEWS DESK – श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके, जिन्होंने सितंबर 2024 में राष्ट्रपति पद संभाला था, अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत पहुंचे हैं। इस तीन दिवसीय दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, विशेष रूप से व्यापार, निवेश, ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा
आपको बता दें कि तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए श्रीलंकाई राष्ट्रपति दिसानायके ने रविवार, 15 दिसंबर को भारत पहुंचे राष्ट्रपति दिसानायके ने पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-श्रीलंका संबंधों को और गहरा करना तथा जन-केंद्रित साझेदारी को गति देना है।
पीएम मोदी से मुलाकात
आज यानी 16 दिसंबर को राष्ट्रपति दिसानायके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में विशेष रूप से व्यापारिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, समुद्री सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के बारे में भी बातचीत होने की संभावना है। भारत और श्रीलंका दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि की संभावना पर भी गंभीरता से विचार किया जा सकता है।
राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात और बोधगया दौरा
राष्ट्रपति दिसानायके अपनी यात्रा के दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच राजनयिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर होगी। इसके अलावा, राष्ट्रपति दिसानायके का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम बोधगया का दौरा भी है, जहां वह बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन करेंगे। यह यात्रा श्रीलंका और भारत के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और कदम साबित हो सकता है।
भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध
श्रीलंकाई राष्ट्रपति की इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य भारत और श्रीलंका के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना है। राष्ट्रपति दिसानायके दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां वह भारतीय और श्रीलंकाई व्यवसायियों से मुलाकात करेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों में नई ऊंचाइयां छूने की संभावना है।