KNEWS DESK- दक्षिण कोरिया में एक बड़े विमान हादसे ने दुनिया को झकझोर दिया है, जब एक विमान रनवे पर फिसल गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे 47 लोगों की जान चली गई। हादसा उस समय हुआ जब विमान में कुल 181 लोग सवार थे। यह घटना एयरपोर्ट के पास स्थित एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घटी, जहां विमान की लैंडिंग के दौरान कुछ तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो गईं, जिससे विमान नियंत्रण खो बैठा और रनवे से बाहर जा गिरा।
विमान के फिसलने की वजह और घटनास्थल पर आपातकालीन राहत कार्य
विमान की लैंडिंग के दौरान तेज बारिश और गीली सतह के कारण रनवे पर फिसलने की संभावना बढ़ गई थी। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, विमान ने सुरक्षित लैंडिंग करने की कोशिश की, लेकिन खराब मौसम और रनवे पर पानी जमा होने की वजह से विमान असंतुलित हो गया। विमान के इंजन में आग लग गई, जिससे हादसा और भी भयावह हो गया। आपातकालीन दलों ने त्वरित कार्रवाई की और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके थे और कुछ की जान चली गई थी।
घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया
दुर्घटना के बाद तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया और घायलों को अस्पतालों में भेजा गया। घायलों में कई लोग गंभीर स्थिति में हैं, जबकि कुछ को मामूली चोटें आईं। घटनास्थल पर मौजूद आपातकालीन सेवाओं ने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के तुरंत बाद आग पर काबू पाया और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
दक्षिण कोरिया सरकार और एयरलाइन ने जताया शोक
दक्षिण कोरिया सरकार ने इस हादसे को लेकर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। एयरलाइन कंपनी ने भी इस दुर्घटना को लेकर अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा कि वह हादसे की पूरी जांच करेगी और हर संभव मदद प्रदान करेगी। साथ ही, अधिकारियों ने दुर्घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है, जो कारणों का पता लगाएगी।
दुनिया भर में शोक और प्रतिक्रियाएं
यह घटना दुनिया भर में शोक की लहर पैदा कर चुकी है, और कई देशों से इस हादसे पर प्रतिक्रियाएं आई हैं। एयरलाइन उद्योग में सुरक्षा मानकों को लेकर चिंता जताई जा रही है, खासकर खराब मौसम के दौरान लैंडिंग को लेकर। यह हादसा विमानन इतिहास में एक और काला अध्याय जोड़ने के रूप में याद किया जाएगा।
इस हादसे के बाद, दक्षिण कोरिया में विमानन सुरक्षा मानकों पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है, और विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एयरलाइंस को लैंडिंग और उड़ान प्रक्रिया में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
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